धरोहर: सिंदखेड राजा में मिली शेषशायी विष्णु की प्रतिमा, 11वीं शताब्दी की होने का अंदाजा

  • शेषशायी विष्णु की प्रतिमा
  • क्लोराइट शिस्ट से बनी है मूर्ति

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-24 13:21 GMT

डिजिटल डेस्क, बुलढाणा। जिले के सिंदखेड राजा शहर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की खुदाई में ‘शेषशायी विष्णु’ की एक प्रतिमा मिली है। यह प्रतिमा छत्रपति शिवाजी महाराज के नाना लखुजी जाधवराव की छतरी के संरक्षण कार्य के दौरान मिली है। नागपुर क्षेत्र के पुरातत्वविद अरुण मलिक ने बताया कि यह प्रतिमा2.25 मीटर की गहराई में मिली है। यहां खुदाई के दौरान विशेषज्ञों कोजमीन में दबा एक पत्थर दिखा। जिसकी खुदाई करने पर एएसआई का दल मंदिर की नींव तक पहुंचा, वहां सभा मंडप मिलने के बाद और खुदाई करने का फैसला किया और इस दौरान देवी लक्ष्मी और शेषशायी विष्णु की प्रतिमा मिली। यह प्रतिमा1.70 मीटर लंबी और 1 मीटर ऊंची है और आधार की चौड़ाई 30 सेंटीमीटर है। पुरातत्ववेत्ताओं का अनुमान है कि यह प्रतिमाएं 11वीं शताब्दी की हो सकती हैं।

छत्रपति शिवाजी महाराज के नाना थे लखुजी जाधवराव

लखुजी जाधवराव छत्रपति शिवाजी महाराज की माता जीजाबाई के पिता थे। सिंदखेड में लखुजी जाधवराव की छतरी परिसर के रखरखाव का कार्य चल रहा है, जिसमें खुदाई के दौरान शेषशायी विष्णू की मूर्ति मिली है।

क्लोराइट शिस्ट से बनी है मूर्ति

अरुण मलिक ने कहा कि यह मूर्ति क्लोराइट शिस्ट चट्टान से बनी है। ऐसी मूर्तियां दक्षिण भारत (होयसल राजवंश) में बनाई गई थीं। इसमें भगवान विष्णु शेषनाग पर लेटे हुए हैं और देवी लक्ष्मी उनके पैर दबा रही हैं। इस मूर्ति को महाराष्ट्र में कला संग्रहालय स्थापित होने के बाद वहां रखी जाएगी।

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