बॉम्बे हाईकोर्ट: शिक्षण संस्थाओं के 206 करोड़ स्कॉलरशिप बकाए को लेकर राज्य सरकार को लगाई फटकार

  • हलफनामा दाखिल कर जवाब देने का निर्देश
  • अदालत ने सरकार को जवाब फाइल करने के लिए अधिक समय देने से मना किया
  • 13 याचिकाओं पर अदालत में हुई सुनवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-31 16:19 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने शिक्षण संस्थाओं के छात्रवृत्ति (स्कालरशिप), नि:शुल्कता (फ्रीशिप) और प्रतिपूर्ति (रैमबुरसमेंट) के 206 करोड़ रुपए की बकाए राशि को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई। अदालत ने सरकार को हलफनामा दाखिल कर दो दिन में जवाब देने का निर्देश दिया। इस पर सरकार के ओर से पेश वकील भूषण सावंत ने हलफनामा दाखिल करने के लिए और समय की मांग की, तो अदालत ने उन्हें समय देने से मना कर दिया। मामले की सुनवाई 1 नवंबर को रखी गई है।

न्यायमूर्ति नितिन जामदार और मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ के समक्ष सोमवार को शिक्षण संस्थाओं के स्कॉलरशिप एवं फीस के बकाए को लेकर दायर 13 याचिकाएं समेत वरिष्ठ वकील प्रफुल्ल शाह की याचिका पर सुनवाई हुई। वकील शाह ने दलील दी कि शैक्षणिक वर्ष 2018-19, 2019-20 और 2020-21 का शिक्षण संस्थाओं के 206 करोड़ रुपए छात्रवृत्ति (स्कालरशिप),नि:शुल्कता (फ्रीशिप) और प्रतिपूर्ति (रैमबुरसमेंट) बकाया है। सरकार के 13 सितंबर 2017 के शासनादेश (जीआर) में शिक्षण संस्थाओं को छात्रवृत्ति (स्कालरशिप), नि:शुल्कता (फ्रीशिप) और प्रतिपूर्ति (रैमबुरसमेंट) देना निश्चित किया गया था। 2020-21 के शैक्षणिक वर्ष में भी सरकार ने शिक्षण संस्थानों को छात्रवृत्ति (स्कालरशिप), नि:शुल्कता (फ्रीशिप) और प्रतिपूर्ति (रैमबुरसेमेंट) नहीं दिए, तो कई शिक्षण संस्थानों ने इसके लिए हाई कोर्ट से गुहार लगाई। उसके बाद से अदालत में सुनवाई चल रही है।

सरकार की ओर से कई बार शिक्षण संस्थाओं के बकाए को देने का वादा किया गया, लेकिन उसे नहीं दिया गया। सरकार का खुद का शासनादेश शिक्षण संस्थानों के छात्रों को छात्रवृत्ति देने की, तो उन्हें यह राशि क्यों नहीं दी जा रही है? इन सालों में छात्रवृत्ति पाने की उम्मीद लिए छात्र शिक्षण संस्थानों से पढ़ाई पूरी कर जा चुके हैं। सरकार की ओर से पेश हुए वकील भूषण सावंत ने कहा कि सरकार को कोरोना के कारण शिक्षण संस्थाओं को छात्रों के स्कालरशिप की राशि देने में देरी हुई। सरकार इसको लेकर गंभीर है। इस पर खंडपीठ ने सरकार से पूछा कि आखिर वह कब तक शिक्षण संस्थानों के स्कालरशिप का भुगतान करेगी? अदालत ने सरकार से हलफनामा दाखिल कर जवाब देने को कहा है।

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