सरकार का फैसला: सरकारी कर्मी की दिव्यांगता संदेहास्पद लगने पर अपील करने का होगा अधिकार
- आस्थापना को प्राधिकरण के पास अपील करने का अधिकार होगा
- राज्य के दिव्यांग कल्याण विभाग ने अधिसूचना जारी कर लागू किया महाराष्ट्र राज्य दिव्यांग व्यक्ति अधिकार नियम-2024
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश की बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के मामले के बाद अब महाराष्ट्र सरकार दिव्यांगता प्रमाणपत्र हासिल करके सरकारी नौकरी पाने वालों को लेकर सचेत हो गई है।राज्य में सरकारी कर्मियों की दिव्यांगता संदेहास्पद लगने परसंबंधित आस्थापना अपीलीय प्राधिकरण के पास 30 दिनों के भीतरकेवल एक बार अपील कर सकेगी। अपीलीय प्राधिकरण को संबंधित दिव्यांग कर्मी को दोबारा चिकित्सा जांच कराने अथवा विशेषज्ञ चिकित्सा प्राधिकारी के अभिप्राय के अनुसार उचित आदेश 8 दिनों में पारित करने का अधिकार होगा। राज्य सरकार के दिव्यांग कल्याण विभाग ने दिव्यांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम-2016 का नियम तैयार किया है। इसको महाराष्ट्र राज्य दिव्यांग व्यक्ति अधिकार नियम-2024 संबोधित किया जाएगा।यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू माना जाएगा।
दिव्यांग कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर'से बातचीत में कहा कि राज्य में किसी सरकारी कर्मी की दिव्यांगता को लेकर संदेह होने पर उसके खिलाफ अपील कहां की जाए? इस बारे में अभी तक कोई स्पष्टता नहीं थी। लेकिन अब सरकार ने स्पष्ट नियम लागू कर दिया है। यह नियम वर्तमान में सेवाएं दे रहे दिव्यांग कर्मियों पर भी लागू होगा। दिव्यांगता संदेहास्पद होने की स्थिति मेंसंबंधित विभाग केआस्थापना अधिकारी 30 दिनों में अपील कर सकेंगे। लेकिन आस्थापना अधिकारी को केवल एक बार अपीलीय प्राधिकरण के पास अपील करने का अधिकार होगा। इसके बाद अपीलीयप्राधिकरण संबंधित कर्मी कीदिव्यांगता प्रमाणपत्र को लेकर उचित फैसला करेगा।नियमों के मुताबिक यदि किसी दिव्यांग व्यक्ति कोदिव्यांगता प्रमाणपत्र नहीं मिलता है तो वह प्रमाणपत्र न होने के प्राधिकरण के फैसले के खिलाफ पदनिर्देशत अधिकारी के पास 30 दिनों में अपील कर सकेंगे। अपील के आवेदन के साथ प्रमाणपत्र देने से इनकार करने के आदेशकी प्रति जोड़ना होगा।
नियम में कई बिंदुओं का समावेश
दिव्यांगता पर शोध के लिए समितिःसरकार ने दिव्यांग अधिनियम के तहत दिव्यांगता पर शोध के लिए राज्य दिव्यांग कल्याण आयुक्त ओमप्रकाश देशमुख की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है।
सीमित संरक्षकताःदिव्यांग व्यक्ति की सीमित संरक्षकता के लिए नियम तैयार किया गया है। दिव्यांग व्यक्ति अपने अभिभावक अथवा परिजनमें से किसी व्यक्ति को अपनीपसंद के अनुसारपालक के रूप में नियुक्त करने के लिए प्राधिकारी के पास सीधे आवेदन कर सकेंगे।
संस्थाओं का आवेदन: दिव्यांग व्यक्तियों के लिए काम करने के लिए इच्छुक व्यक्ति अथवा संस्थासमाज कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त अथवा प्राधिकृत व्यक्ति के जरिए दिव्यांग कल्याण आयुक्त के पास आवेदन कर सकेंगे।