बेटे ने मां से मिलने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट से लगाई गुहार
- 93 वर्षीय मां की हालत खराब होने का दावा
- भांजे पर मां से मिलने से रोकने का आरोप
- अदालत ने बेटे को मिलने की दी इजाजत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने वसई निवासी ब्लेज जोसेफ मिरांडा को उनकी मां 93 वर्षीय एनी जोसेफ मिरांडा से मिलने की इजाजत दी है। अदालत ने कहा कि बेटे को मां से मिलने से कोई रोक नहीं सकता है। वह कभी भी मां से मिल सकता है। इसके साथ ही अदालत ने याचिका को समाप्त कर दिया।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे और न्यायमूर्ति गौरी गोडसे की खंडपीठ के समक्ष शुक्रवार को वसई निवासी ब्लेज जोसेफ मिरांडा की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ब्लेज मिरांडा ने अदालत में दावा किया कि उनकी मां को भांजा आर्ची जूलियस सिल्वेरा जबर्दस्ती अपने पास रखा है। मां की हालत खराब है। वह उसे (मां) घर में बंद करके चला जाता है। मां की देखरेख करने वाला कोई नहीं है। उन्हें मां से मिलने की इजाजत नहीं दी जाती है। मां उनके साथ रहना चाहती है। इस पर पिछली सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने वसई पुलिस को वसई (प.) के किरवली गांव में रहने वाली एनी जोसेफ मिरांडा से मिलकर उनके बयान दर्ज कर अगली सुनवाई के दौरान पेश करने का निर्देश दिया था।
शुक्रवार को वसई पुलिस स्टेशन के पुलिस सहायक पुलिस निरीक्षक वैभव जगताप और हवलदार अर्चना विघे ने अदालत में एनी जोसेफ मिरांडा से लिए गए बयान पेश किया, जिसमें कहा गया है कि वह भांजे आर्ची के साथ रहती है। उनसे मिलने के लिए रिश्तेदारों को कोई रोक नहीं है। वह भांजे के साथ ही रहना चाहती है। वह बेटे ब्लेज के साथ नहीं जाना चाहती हैं। खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को मां से मिलने की इजाजत है। वह अपनी मां से कभी भी मिल सकते हैं। उनके भांजे आर्ची ने अदालत में अपनी नानी से किसी भी रिश्तेदार से मिलने से रोक लगाने से इनकार किया। पुलिस द्वारा उनके लिए गए बयान के आधार पर याचिकाकर्ता के पास उनकी मां को नहीं भेजा जा सकता है। इसके साथ ही अदालत ने याचिका को समाप्त कर दिया। 92 वर्षीय एनी मिरांडा के चार बेटे और दो बेटियां हैं। वह अपनी बड़ी बेटी रीता यूलियस सिल्वेरा के बेटे आर्ची के साथ रहती हैं। उनके पति जोसफ मिरांडा ने अपनी प्रापर्टी का पावर आफ एटार्नी बड़ी बेटी को बनाया है। पिछले साल उनका देहावसान हो गया था।