तो मुंबई में भी पैदा हो सकती है रुस के वैग्नर ग्रुप जैसी स्थिति

  • विधान परिषद में ठेके पर पुलिस भर्ती को लेकर विपक्ष आक्रामक
  • उपसभापति नीलम गोर्हे ने सरकार को सदन में जवाब देने का निर्देश

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-25 15:19 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधान परिषद में ठेके पर पुलिस भर्ती संबंधी राज्य सरकार के फैसले को लेकर मंगलवार को विपक्ष आक्रामक नजर आया। सदन में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए मुंबई पुलिस दल में 3 हजार कर्मियों की ठेके पर भर्ती का मुद्दा उठाया। जिस पर उपसभापति नीलम गोर्हे ने कहा कि ठेके पर पुलिस भर्ती को लेकर राज्य सरकार को गंभीरता से सदन में जवाब देने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले सदन में विपक्ष के नेता दानवे ने कहा कि राज्य में किसी भी तरीके से ठेके पर पुलिस भर्ती नहीं होनी चाहिए। इससे कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। जबकि कांग्रेस के सदस्य भाई जगताप ने दावा करते हुए कहा कि सरकार 3 हजार पुलिस कर्मचारियों की 11 महीनों के लिए भर्ती करने वाली है। लेकिन मुझे आश्चर्य है कि चार महीने पहले 29 हजार अभ्यर्थी पुलिस भर्ती की परीक्षा के लिए मुंबई में आए थे। जिसमें से एक अभ्यर्थी की सांप काटने के कारण मौत हो गई थी। इन अभ्यर्थियों को सेवा में लेने की बजाय ठेके पर पुलिस भर्ती करना शर्म की बात है। विपक्ष के नेता दानवे ने दावा किया कि मुंबई पुलिस बल में ठेके पर पुलिसकर्मियों को शामिल करने से "वैग्नर ग्रुप" जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। दानवे रूस की निजी सेना ‘वैग्नर ग्रुप’ के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ पिछले महीने किए गए विद्रोह का हवाला दे रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं पुलिस में ठेके के आधार पर भर्ती का विरोध करता हूं। इससे कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होगी। अगर 'पुलिस' सरकारी आदेशों का पालन न करे तो क्या होगा? एक सुरक्षा गार्ड को ठेके पर रखा जा सकता है, लेकिन एक पुलिसकर्मी को संविदा पर नहीं रखा जा सकता है। विधानभवन परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक रोहित पवार ने कहा कि यह कदम लोगों के साथ-साथ पुलिस प्रशासन दोनों के लिए हानिकारक होगा। पवार ने कहा कि (ठेका पुलिस) अग्निवीर (केंद्र की अग्निपथ योजना के तहत भर्ती) का एक छोटा भाई बना रही है।

गौरतलब है कि मुंबई पुलिस में कांस्टेबल की कमी को दूर करने के लिए, राज्य सरकार ने महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा निगम (एमएसएससी) से 3,000 कर्मियों को ‘आउटसोर्स’ करने की मंजूरी दे दी है। एमएसएससी राज्य पुलिस का सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य के गृह विभाग ने सोमवार को इस आशय का एक आदेश जारी किया।

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