लक्ष्य: देशी नस्लों की गाय और भैंस की संख्या बढ़ाने राज्य में बनेंगी छह प्रयोगशाला

  • रायगड के पेण, अकोला, वर्धा के कारंजा में स्थापित होगा लैब
  • गाय और भैंस की संख्या बढ़ाने राज्य में बनेंगी छह प्रयोगशाला

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-06 15:38 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। देशी गायों और भैंसों की संख्या को बढ़ाने के लिए प्रदेश के छह राजस्व विभाग में एक-एक भ्रूण प्रत्यारोपण प्रयोगशाला स्थापित किया जाएगा। इससे ओपीयू- आईवीएफ (ओवम पिक-अप इनविट्रो फर्टिलाइजेशन) तकनीकी के जरिए देशी नस्ल के पशुधन की संख्या बढ़ा जा सकेगी। रायगड के पेण, वर्धा के कारंजा, अहमदनगर के राहता, छत्रपति संभाजीनगर के हर्सूल, अकोला और पुणे में भ्रूण प्रत्यारोपण प्रयोगशाला बनाया जाएगा। राज्य सरकार के पशुसंवर्धन विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। इसके मुताबिक प्रयोगशाला से मोबाइल वैन के जरिए सीधे किसानों को पशुधन का भ्रूण उपलब्ध कराया जा सकेगा। सरकार ने छह प्रयोगशाला के निर्माण के लिए 27 करोड़ 4 लाख 8 हजार रुपए खर्च को मंजूरी दी है। एक प्रयोगशाला बनाने पर 4 करोड़ 50 लाख 68 हजार रुपए खर्च होंगे। सरकार के मुताबिक भारत में साल 2012-2019 की अवधि में पशुधन की संख्या में 1 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। मगर पिछले पशुगणना की तुलना में देशी पशुओं की संख्या में 6 प्रतिशत गिरावट आई है। महाराष्ट्र में पिछले पशुगणना के मुकाबले देशी पशुओं की संख्या में 10 प्रतिशत कमी आई है। महाराष्ट्र में खिल्लार, डांगी, देवणी, गवलाऊ, लाल कंधारी प्रजाति की गाय की संख्या कम होना चिंताजनक है। इसके अलावा गिर, साहिवाल और थारपारकर प्रजाति के पशुधन की संख्या दिन पर दिन कम हो रही है।

राधाकृष्ण विखे- पाटील, पशुसंवर्धन व दुग्धव्यवसाय विकास मंत्री के मुताबिक सरकार ने देशी गायों के जतन और संवर्धन करने का फैसला लिया है। गायों और भैंसों की संख्या को बढ़ाने के लिए राज्य में छह भ्रूण प्रत्यारोपण प्रयोगशाला पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किए जाएंगे। इससे पशुपालकों को उत्तम दर्जे का देशी भ्रूण उपलब्ध हो सकेगा। पशुपालक कृत्रिम गर्भाधान के जरिए पशुधन की संख्या को बढ़ा सकते हैं।

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