अंडरवर्ल्ड से संबंध मामला: बिल्डर श्याम सुंदर अग्रवाल के खिलाफ एसआईटी जांच पर लगी रोक, चुनौती याचिका वापस
- सरकार ने अग्रवाल के अंडरवर्ल्ड से संबंध और गरीबों के जमीन हड़पने की एसआईटी जांच के दिए थे आदेश
- उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में की थी एसआईटी जांच की घोषणा
डिजिटल डेस्क, मुंबई. भायंदर के बिल्डर श्याम सुंदर अग्रवाल के खिलाफ अंडरवर्ल्ड से संबंधों और गरीबों की जमीन हथियाने के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच पर रोक लगा दी गई है। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अग्रवाल के खिलाफ एसआईटी जांच को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका वापस ले ली है। पिछले साल राज्य के उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में अग्रवाल के खिलाफ एसआईटी जांच की घोषणा की थी और इसके बाद 21 सितंबर 2023 को राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को एसआईटी गठन का आदेश दिया गया था।
न्यायमूर्ति ए.एस.चंदुरकर और न्यायमूर्ति जितेंद्र जैन की खंडपीठ के समक्ष श्याम सुंदर अग्रवाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने अग्रवाल के अनुरोध को स्वीकार करते हुए पिछले साल 21 सितंबर के राज्य सरकार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को एसआईटी गठन का जांच के आदेश पर रोक लगा दिया था। खंडपीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया एसआईटी के गठन के लिए कोई संतुष्टि दर्ज किए बिना विवादित आदेश जारी किया गया है।
याचिका में दावा किया गया है कि बीजेपी विधायक प्रशांत बंब ने अपने करीबी दोस्त संजय पुनमिया के इशारे पर श्याम अग्रवाल के खिलाफ विधानसभा में प्रश्न पूछा था, जिसमें अग्रवाल पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी छोटा शकील से संबंध का गंभीर आरोप लगाया था। जबकि याचिकाकर्ता खुद पीड़ित है। संजय पुनमिया ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह समेत पुलिस अधिकारियों से मिल कर उसे 15 करोड़ रुपए की हफ्ता वसूली करने की कोशिश की थी। अग्रवाल की शिकायत पर मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में पुनमिया और परमबीर सिंह समेत कई पुलिस अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज किया गया था। अदालत ने छोटा शकील से संजय पुनमिया को धमकी दिलाने की जुहू पुलिस स्टेशन में अग्रवाल के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया था। बंब ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान अग्रवाल के खिलाफ प्रश्न पूछने के बाद उप मुख्यमंत्री और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में एसआईटी गठित कर अग्रवाल के खिलाफ जांच का आदेश दिया था।