हाईकोर्ट: दक्षिण मुंबई के फेमस द्वारका रेस्टोरेंट को झटका, 100 साल पुरानी इमारत खाली करने का आदेश बरकरार

  • ढांचागत मरम्मत की इमारत के मालिक को मिली इजाजत
  • 100 साल पुरानी इमारत डी.जी.चैंबर्स को खाली करने का आदेश बरकरार
  • दक्षिण मुंबई के फेमस द्वारका रेस्टोरेंट को झटका

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-28 13:54 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। दक्षिण मुंबई के फेमस द्वारका रेस्टोरेंट को हाई कोर्ट से झटका लगा है। अदालत ने 100 साल पुरानी इमारत डी.जी.चैंबर्स स्थित द्वारका रेस्तरां को 29 जनवरी तक खाली करने के आदेश को बरकरार रखते हुए ढांचागत मरम्मत की मालिक को इजाजत दे दी है। न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति कमल खाता की खंडपीठ के समक्ष कामथ ब्रदर्स (द्वारका रेस्टोरेंट) समेत अन्य किरायेदारों की ओर से वकील कार्ल तंबोली और अर्शिल शाह की दायर याचिका पर सुनवाई हुई।

याचिका में इमारत खाली करने के लिए तीन सप्ताह के समय का अनुरोध किया गया था। फोर्ट के नानिक मोटवाने मार्ग स्थित डीजी चैंबर्स परिसर को खाली करने के लिए द्वारका रेस्तरां समेत 6 किराएदारों को 29 जनवरी तक का समय दिया गया है। मालिकों की ओर से पेश वकील यशोदीप देशमुख, विनोद सांगविकर और अमोल ने याचिका का विरोध करते हुए अदालत को बताया कि इमारत के मरम्मत के लिए एक प्रस्ताव बीएमसी को भेज दिया गया है। इमारत के 21 वकीलों समेत सभी किरायेदारों ने इमारत खाली कर दी है।

मालिकों और किरायेदारों द्वारा इमारत दो फर्मों द्वारा संरचनात्मक ऑडिट कराई थी, जिसकी दोनों ने परस्पर विरोधी ऑडिट रिपोर्ट दिया था। इसके के बाद मामला बीएमसी की तकनीकी सलाहकार समिति (टीएसी) को भेजा गया था। टीएसी ने पिछले साल निरीक्षण के बाद 21 जुलाई को एक रिपोर्ट तैयार की और इमारत को सी2-ए श्रेणी में वर्गीकृत किया। इस श्रेणी की इमारतों को आंशिक रूप से असुरक्षित कहा जाता है और इसे संरचनात्मक मरम्मत की आवश्यकता होती है। टीएसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि बीएमसी ने नोटिस जारी कर मालिकों से तीन महीने के भीतर मरम्मत कराने को कहा।

अन्यथा इमारत को सी1 (मरम्मत से परे जर्जर) माना जाएगा और इसे ध्वस्त करना होगा। मालिकों ने सभी किराएदारों को इमारत खाली करने को कहा, तो कामथ ब्रदर्स समेत 6 किरायेदारों ने परिसर खाली करने के लिए अधिक समय देने का अनुरोध करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। इसके बाद उन्होंने दोबारा हाई कोर्ट में याचिका दायर किया।

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