मतभेद: शिवसेना उद्धव मुंबई में मुस्लिम बहुल सीटों पर लड़ना चाहती है चुनाव, कांग्रेस ने की खारिज

  • उद्धव गुट की मांग कांग्रेस ने की खारिज
  • आघाडी की आखिरी बैठक में मतभेद आए सामने

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-11 16:02 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई, सोमदत्त शर्मा।  विधानसभा सीटों को लेकर महाविकास आघाडी में सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा जारी है। लेकिन महाआघाडी के तीनों दलों में सीटों का बंटवारा सुलझने के बजाय उलझता जा रहा है। लोकसभा चुनाव में अल्पसंख्यक और दलित वोट बैंक आघाडी की तरफ शिफ्ट हो गया था, जिसका लाभ शिवसेना (उद्धव) को लोकसभा चुनाव में देखने को मिला था। महाआघाड़ी के एक वरिष्ठ नेता ने 'दैनिक भास्कर' को बताया कि मुंबई में मुस्लिम बहुल इलाकों में शिवसेना (उद्धव) के उम्मीदवारों को एकतरफा वोट मिला था। सूत्रों का कहना है कि अब आगामी विधानसभा चुनाव में उद्धव गुट ने मुंबई की उन सीटों पर दावा ठोका है जो मुस्लिम बहुल वोट बैंक की हैं। हालांकि कांग्रेस ने उद्धव गुट की इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया है।

सूत्रों का कहना है कि पिछले सप्ताह जब महाविकास आघाडी के तीनों दलों कांग्रेस, राकांपा (शरद) और शिवसेना (उद्धव) के मुंबई समन्वयक नेताओं की बैठक हुई थी तो उसमें उद्धव गुट के नेताओं ने भायखला, कुर्ला, चांदिवली, बांद्रा पूर्व, बांद्रा पश्चिम और जोगेश्वरी जैसी मुस्लिम बहुल सीटों पर दावा ठोका। हालांकि कांग्रेस नेताओं ने उद्धव गुट की इस मांग को बैठक में ही खारिज कर दिया और कहा कि जिन सीटों पर शिवसेना (उद्धव) का दूर-दूर तक कभी नाता नहीं रहा है, उन सीटों की मांग करना समझ से परे है।

प्रदेश कांग्रेस के महासचिव एवं प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि महाविकास आघाडी के दलों में सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा अभी प्राथमिक दौर में है। सावंत ने कहा कि यह सच है कि उद्धव गुट ने उन सीटों की मांग की है, जिन पर कांग्रेस पिछले कई चुनाव लड़ती आई है। उन्होंने कहा कि अगर किसी सीट पर आघाडी के दलों में आपस में टकराव होता है तो फिर इसका फैसला महाआघाडी के वरिष्ठ नेता करेंगे। उन्होंने कहा कि बांद्रा पूर्व की सीट कांग्रेस की रही है और वह खुद इस सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।

आघाडी की आखिरी बैठक में मतभेद आए सामने

सूत्रों का दावा है कि जब पिछले सप्ताह महाविकास आघाडी के मुंबई के नेताओं की बैठक हुई थी तो उस बैठक में उद्धव गुट द्वारा कांग्रेस की परंपरागत सीटों पर दावा ठोकने के बाद दोनों दलों के नेताओं में मतभेद देखे गए थे। यहां तक कि मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड बैठक छोड़कर बीच में ही बाहर आ गई थीं। उसके बाद से अभी तक आघाडी के नेताओं की सीटों के बंटवारे को लेकर दोबारा बैठक नहीं हो सकी।

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