महाराष्ट्र: बांग्लादेश में फंसे छात्रों की वापसी के लिए शिंदे की विदेश मंत्रालय से चर्चा, जरांगे-पाटील बोले- ये सीख लेने का वक्त

  • बांग्लादेश के हालातों से सबक ले राज्य सरकार- जरांगे-पाटील
  • मराठा क्रांति मोर्चा के नेताओं ने फडणवीस से की मुलाकात

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-06 16:37 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. बांग्लादेश में हुए राजनीतिक तख्तापलट के बाद फैली अशांति को देखते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने वहां फंसे राज्य के छात्रों की सुरक्षा और उनकी वतन वापसी के लिए विदेश मंत्रालय से संपर्क किया है। शिंदे ने मंगलवार को विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से बांग्लादेश में फंसे महाराष्ट्र के छात्रों की सुरक्षा पर चिंता जाहिर करते हुए उनकी सुरक्षित रिहाई का अनुरोध किया है। शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार विदेश मंत्रालय से संपर्क में है और वहां फंसे लोगों और छात्रों को निकालने का भरसक प्रयास कर रही है। शिंदे ने कहा कि ढाका में मौजूद भारतीय दूतावास के अधिकारी बांग्लादेश में रहने वाले भारतीयों की सूचि बना रहे हैं। ऐसा करने से इन छात्रों की सहायता प्रदान करना जल्द संभव होगा। इसके साथ ही आवश्यकता पड़ने पर उन्हें बांग्लादेश में सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने, उनकी सुरक्षित भारत वापसी की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सकेगी। राज्य सरकार द्वारा वहां की स्थिति पर नजर रखने और केंद्रीय अधिकारियों और प्रभावित परिवारों के संपर्क में रहने के लिए एक टीम भी गठित की गई है। शिंदे ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उनकी वतन वापसी के लिए सभी आवश्यक उपाय किये जा रहे हैं। इस चुनौतीपूर्ण समय में राज्य सरकार प्रभावित छात्रों के परिवारों के साथ खड़ी है।

बांग्लादेश के हालातों से सबक ले राज्य सरकार- जरांगे-पाटील

उधर बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर पैदा हुए हालात पर राज्य में मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन करने वाले मनोज जरांगे-पाटील ने राज्य सरकार को चेताते हुए कहा है कि बांग्लादेश की हालत से राज्य सरकार को सबक लेना चाहिए। हालांकि जरांगे-पाटील ने कहा कि महाराष्ट्र में सभी जाति-धर्म के लोग रहते हैं, इसलिए हमारे राज्य में बांग्लादेश जैसी स्थिति कभी पैदा नहीं होगी। जरांगे-पाटील ने कहा कि आरक्षण का मुद्दा इतना आसान नहीं है। इसलिए सरकार को बांग्लादेश के हालात से सबक लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिन गरीब लोगों के बच्चों को आरक्षण न होने के चलते नौकरी नहीं मिलती है, वही आरक्षण की असली कीमत जानते हैं। जो लोग मराठाओं के त्याग पर आगे बढ़े हैं उन्हें आरक्षण की कीमत पता नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि भले ही आरक्षण के मुद्दे पर बांग्लादेश में हाहाकार मच रहा हो लेकिन महाराष्ट्र में ऐसा कुछ नहीं होने वाला है। हालांकि कुछ लोग राज्य में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन मराठा समाज उनके सपने को पूरा नहीं होने देगा। हमारी मराठा आरक्षण को लेकर मांग उस समय तक जारी रहेगी तब तक राज्य सरकार हमें ओबीसी कोटे से आरक्षण नहीं देगी।

मराठा क्रांति मोर्चा के नेताओं ने फडणवीस से की मुलाकात

मराठा आरक्षण को लेकर पिछले कई दिनों से सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं का घेराव करने वाले मराठा क्रांती मोर्चा के पदाधिकारियों ने मंगलवार को राज्य के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस से उनके बंगले पर मुलाकात की। इससे पहले मराठा क्रांती मोर्चा के समन्वयक रमेश केरे फडणवीस के बंगले के बाहर 'जवाब दो आंदोलन' करने वाले थे। लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इसके कुछ देर बाद केरे ने फडणवीस से जाकर मुलाकात की। उपमुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद केरे ने कहा कि फडणवीस ने उनसे कहा है कि राज्य सरकार मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। हालांकि हमने फडणवीस से ओबीसी कोटे से मराठा आरक्षण देने की मांग की है। फडणवीस से मुलाकात के बाद रमेश केरे ने कहा कि मैं कुछ दिन पहले मातोश्री गया था, जहां मैं शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिला था। इसके बाद मैंने उपमुख्यमंत्री अजित पवार से भी मराठा आरक्षण को लेकर बात की थी। फिर आज मैं फडणवीस से मिला। उन्होंने कहा कि हमारा मराठा समाज के लिए आरक्षण मांगने का सिलसिला बुधवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और राकांपा (शरद) अध्यक्ष शरद पवार के घर पर खत्म होगा। उन्होंने कहा कि मराठाओं का राजनीतिक फायदा उठाया जा रहा है। हमारा मनोज जरांगे-पाटील से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन क्रांति मोर्चा का समर्थन जरांगे-पाटील के साथ है। केरे ने कहा कि उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने उन्हें भरोसा दिया है कि राज्य सरकार मराठा समाज के लिए एक ऐसा आरक्षण देगी जो अदालत में भी टिक सकेगा। हालांकि मराठा क्रांती मोर्चा के पदाधिकारियों से हुई मुलाकात पर फडणवीस का आधिकारिक बयान सामने नहीं आ पाया।

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