पलटवार: शरद पवार बोले - मोदी को प्रधानमंत्री पद की गरिमा ध्यान में रखनी चाहिए, इजरायल-फिलिस्तीन पर केंद्र सरकार है भ्रमित
- मोदी की टिप्पणी परपवार का पलटवार
- अधिकांश राज्यों में जनता चाहती है बदलाव
- जमीन खिसकने के डर से मुझ पर टिप्पणी - पवार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राकांपा (शरद) के अध्यक्ष तथा पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गई टिप्पणी पर पलटवार किया है। शनिवार को यशवंतराव चव्हाण सेंटर में पत्रकारों से बातचीत में पवार ने कहा कि मोदी को प्रधानमंत्री के पद की गरिमा कायम रखनी चाहिए। मोदी ने वास्तविक स्थिति जाने बैगर मुझ पर टिप्पणी करने का साहस किया। लेकिन उनके मुझ पर लगाए गए आरोप सत्य से परे हैं। देश के अधिकांश राज्यों में जनता बदलाव चाहती है। मेरे कृषि मंत्री रहते हुए फसलों की एमएसपी में तेजी से वृद्धि हुई थी। पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री शिर्डी में साईबाबा के दर्शन के लिए गए थे। उन्हें मेरे दर्शन की कोई आवश्यकता नहीं थी? देश के कई राज्यों में भाजपा की जमीन खिसक गई है। शायद मोदी ने जमीन खिसकने के डर से मुझ पर टिप्पणी की होगी। बीते गुरूवार को अहमदनगर के शिर्डी में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के सामने प्रधानमंत्री ने पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार की आलोचना की थी। मोदी ने पूछा था कि पवार ने भारत के कृषि मंत्री रहते हुए देश के किसानों के लिए क्या किया था? किसानों को एमएसपी के लिए बिचौलियों पर निर्भर रहना पड़ता था। इसके जवाब में शरद ने कहा कि साल 2004 से 2014 तक केंद्र की मनमोहन सिंह की सरकार के समय मैंने कृषि मंत्री रहते हुए किसानों के फसलों की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की राशि में बढ़ोतरी की थी। मैंने साल 2004 में गेहूं के आयात के लिए महत्वपूर्ण फैसला लिया था क्योंकि उस साल देश में खाद्यान की भारी कमी थी, इसके साथ ही फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए कारगर कदम उठाए गए थे। बागवानी और सब्जियों का उत्पादन बढ़ाने के लिए बुवाई क्षेत्र का दायरा बढ़ाया गया था। पवार ने कहा कि मेरे कार्यकाल के दौरान ही भारत खाद्यान में आत्मनिर्भर बना था।
विस चुनावों में बदलाव निश्चित, लोकसभा चुनाव पर अभी टिप्पणी नहीं करूंगा
पवार ने कहा कि कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में बदलाव निश्चित रूप से होगा। लेकिन मैं साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बदलाव को लेकर बिना पूरी जानकारी लिए टिप्पणी नहीं करूंगा। क्योंकि मैंने कई राज्यों की राजनीतिक स्थिति के बारे में जानकारी हासिल नहीं की है पर कई बार विधानसभा चुनाव परिणाम की छाप लोकसभा चुनाव में भी दिखाई देती है। एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से चाहता हूं कि वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के साथ आगामी चुनाव में लड़ा जाए। पवार ने कहा कि विपक्ष के गठबंधन इंडिया के सभी दल लोकसभा चुनाव साथ लड़ना चाहते हैं लेकिन कई राज्यों में कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों में सीधे टक्कर होती है। इस कारण विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन का एकजुट रहना उतना आसान नहीं है जितना लोकसभा चुनाव में है।
इजरायल-फिलिस्तीन पर केंद्र सरकार भ्रमित
पवार ने कहा कि केंद्र सरकार इजरायल-फिलिस्तीन मामले में भ्रम की स्थिति में हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले इजरायल को समर्थन दिया था। लेकिन जब हमले का विरोध पूरी दुनिया में होने लगा तो भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फिलिस्तीन को समर्थन देने के बारे में बयान दिया। मैंने इससे पहले केंद्र की किसी सरकार में इतना कन्फ्यूजन नहीं देखा था। भारत की नीति फिलिस्तीन को समर्थन करने की रही है, इजराइल को नहीं।