दरवाजा खटखटाया: चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे शरद पवार, याचिका दायर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. दिग्गज नेता शरद पवार ने चुनाव आयोग के राष्ट्रवादी कांग्रेस की कमान अपने भतीजे अजित पवार को सौंपने के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। यह याचिका पार्टी के संस्थापक शरद पवार ने अपनी व्यक्तिगत हैसियत से एडवोकेट अभिषेक जेबराज के माध्यम से सोमवार शाम को दायर की है और प्रतिवादी अजित पवार है।
इससे पहले अजित पवार गुट ने एडवोकेट अभिकल्प प्रताप सिंह के माध्यम से एक कैविएट दायर की है ताकि शरद पवार खेमे द्वारा चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी जाती है तो कोई भी फैसला सुनाने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए। एकतरफा आदेश पारित न किया जाए।
याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग द्वारा संगठनात्मक शाखा में बहुमत परीक्षण के आधार पर फैसला करने के बजाय विधायकों की संख्या के आधार पर अजित पवार गुट को पार्टी की कमान सौंपने का फैसला गलत है। जिसने पार्टी को स्थापित किया, उसे आगे बढाने के साथ विभिन्न राज्यों में पार्टी के विधायक चुनकर लाए। इस तथ्य को नजरअंदाज करते हुए जिनकी संगठन में कोई पोजीशन ही नहीं थी, उसके पक्ष में चुनाव आयोग ने फैसला सुनाया, जो कि पूरी तरह गलत है।
गौरतलब है कि विधायकों की संख्या के आधार पर चुनाव आयोग ने 6 फरवरी को फैसला सुनाया था कि अजित पवार गुट ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस (एनसीपी) है और कहा था कि पार्टी के लिए घड़ी प्रतीक का उपयोग भी अजित गुट ही कर सकता है।
चुनाव आयोग ने शरद गुट की पार्टी के संगठनात्मक विंग में बहुमत परीक्षण के आधार पर फैसला करने की मांग को खारिज कर दिया था। इसे अब शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई है।