तलाश: घसीटाराम हलवाई के मालिक को ढूंढ़ रही है शाहुनगर पुलिस, एमपी के लड़के की मौत
- एमपी से लापता लड़के की मिठाई कारखाने में हादसे से मौत
- दिसंबर महीने में अपने घर से लापता लड़के को बिना कोई छानबीन किए रखा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पंजाबी घसीटाराम हलवाई के मालिक कुणाल बजाज समेत अन्य तीन आरोपियों के खिलाफ शाहुनगर पुलिस ने आईपीसी की धारा 188,304(2),34 समेत किशोर न्याय ( बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 की 75,79,87 के तहत मामला दर्ज किया है। इन्होने मध्यप्रदेश से दिसंबर महीने में अपने घर से लापता लड़के को बिना कोई छानबीन किए अपने यहाँ मिठाई के कारखाने में ड्यूटी पर रख दिया । जो दूसरे दिन अवैध लिफ्ट के हादसे का शिकार हो गया। उसके बावजूद चारों आरोपियों ने घायल लड़के कुणाल चौधरी के बारे में उसके घरवालों को सूचना नहीं दी। अस्पताल में लड़के का नाम गलत लिखवाया गया। डॉक्टर को हादसे के बारे में जानकारी भी गलत बताई गयी। दो दिन बाद 15 वर्षीय नाबालिग लड़के कुणाल की अस्पताल में मौत हो गयी। उसके बाद घसीटाराम हलवाई के कर्मचारियों ने ही दाह संस्कार भी कर दिया। पुलिस ने जब हादसे की जगह का मुआयना किया तो एक के बाद एक परतें खुलने लगी। पुलिस ने खुद इस मामले का संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया है।
माहिम पूर्व में पंजाबी घसीटाराम हलवाई प्राइवेट लिमिटेड का मिठाई का कारखाना है । इस कारखाने में काम करने के लिए रमजान बाबू खान व उनके साथीदार सुशील धर्मदास शेलोटे ने इंदौर मध्य प्रदेश अपने घर से भागे15 वर्षीय कुणाल राजेंद्र चौधरी को 09 फ़रवरी को ड्यूटी पर रखवाया। कुणाल ने उस दिन फूड पैकेजिंग का काम किया लेकिन अगले ही दिन दोपहर के 2 बजे कुणाल जब काम कर रहा था। कारखाने में ग्राउंड फ्लोर से फर्स्ट फ्लोर के लिए अवैध रूप से बैठाई गई लिफ्ट के हादसे का शिकार हो गया। लिफ्ट का एंगल कुणाल के सिर पर गिर गया , जिससे वह बुरी तरह जख्मी हो गया।
कारखाने में काम करने वाले धीरज कमलेश तिवारी और जगदीश शिरोडकर ने उसे सायन अस्पताल में भर्ती करवाया। अस्पताल में कुणाल का नाम अंकित बताया गया और डॉक्टर को भी पूरी सच्चाई नहीं बताई गई। यहां तक की कुणाल के मां बाप को भी घटना के बारे में सूचित नहीं किया गया। दो दिन बाद 12 फरवरी को कुणाल ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। अगले दिन उसका दाह संस्कार भी कर दिया गया। डॉक्टर्स ने मौत का कारण बताया कि सिर पर और चेहरे पर गंभीर चोट से मौत हुई है जो अप्राकृतिक मौत है।
पुलिस ने जब इस मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि कुणाल की उम्र महज 15 वर्ष थी। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर कुणाल बिपिन बजाज ने कारखाने में मुख्य अभियंता (विद्युत) की बिना अनुमति लिए लिफ्ट बैठाई थी वैसे ही रमजान बाबू खान और सुशील धर्मदास शेलोटे के पास मैन पावर सप्लाई करने का कोई भी लाइसेंस नहीं है बावजूद इसके उन्होंने कुणाल को घसीटाराम के यहां काम पर रखवाया। कारखाने में सुपरवाइजर के पद पर काम करने वाले उदयभान लाल प्रताप सिंह ने बिना छानबीन किए। नाबालिक को जॉब पर रखा। पुलिस ने चारों के खिलाफ मामला दर्ज किया। रमजान बाबू खान और सुशील धर्मदास शेलोटे गिरफ्तार हो गया लेकिन कारखाने के सुपरवाइजर उदयभान लाल प्रताप सिंह और मालिक कुणाल विपिन बजाज ने अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है फिलहाल वह फरार चल रहे हैं।