शबरी आवास योजना : आदिवासियों के लिए ग्रामीण इलाकों में बनाए जाएंगे एक लाख से ज्यादा घर
- हर तीन महीने में देनी होगी रिपोर्ट
- किस जिले में बनेंगे कितने घर
- आदिवासियों के लिए ग्रामीण इलाकों में बनाए जाएंगे एक लाख से ज्यादा घर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में शबरी आदिवासी घरकुल योजना के तहत आदिवासियों के लिए ग्रामीण इलाकों में एक लाख सात हजार 99 घर बनाए जाएंगे। राज्य सरकार ने साल 2023-24 में घरों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके तहत नागपुर में पांच हजार, चंद्रपुर में आठ हजार 666, नाशिक में आठ हजार सहित 22 जिलों में घरों का निर्माण होगा। शुक्रवार को राज्य के आदिवासी विकास विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है।
हर तीन महीने में देनी होगी रिपोर्ट
राज्य के ग्रामीण इलाकों के 1 लाख 20 हजार रुपए वार्षिक आय वाले आदिवासी परिवारों को घरकुल योजना का लाभ मिल सकेगा। सरकार ने आदिम और पारधी जनजाति के लाभार्थियों को प्राथमिकता देने के लिए कहा है। इस योजना के तहत दिव्यांगों को पांच प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। जिसमें दिव्यांग महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। लाभार्थियों का प्रत्यक्ष जांच के बाद ही चयन किया जाएगा। आदिवासी विकास आयुक्त तथा निदेशक को हर तीन महीने में घरों के निर्माण काम के बारे में रिपोर्ट सरकार को सौंपनी होगी। राज्य में जिन आदिवासियों के पास रहने के लिए खुद का घर नहीं है, ऐसे लोगों को आवास उपलब्ध कराने के लिए शबरी आदिवासी घरकुल योजना चलाई जाती है।
किस जिले में बनेंगे कितने घर
राज्य सरकार ने ठाणे में 2 हजार, पालघर में 4 हजार 222, नागपुर में 5 हजार, वर्धा में 500, गोंदिया में 1 हजार 500, भंडारा में 1 हजार 226, चंद्रपुर में 8 हजार 666, गडचिरोली में 2 हजार 775, नाशिक में 8 हजार, अहमदनगर में 2 हजार, जलगांव में 5 हजार, नंदूरबार में 24 हजार, धुलिया में 5 हजार 709, नांदेड़ में 3 हजार, अमरावती में 7 हजार 906 घरों का निर्माण होगा। छत्रपति संभाजीनगर में 3 हजार 936, जालना में 1 हजार 794, लातूर में 636, बीड में 1 हजार 179, हिंगोली में 5 हजार, परभणी में 1 हजार सहित अन्य जिलों में आवास बनाए जाएंगे।