मेडिकल शिक्षा विभाग: इस साल महाराष्ट्र में खुल जाएंगे सात नए मेडिकल कॉलेज, बढ़ेगी प्रवेश क्षमता

  • 700 छात्रों की प्रवेश क्षमता बढ़ेगी
  • 3010 मरीजों के लिए उपलब्ध होंगे बिस्तर
  • पालघर-वर्धा में लगेगा दो साल का समय

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-16 09:17 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई, विजय सिंह "कौशिक'। दो महिने के भीतर राज्य के सात जिलों में नए मेडिकल कालेज और अस्पताल खुल जाएंगे। राज्य का मेडिकल शिक्षा विभाग इस कोशिश में जुटा है कि अगस्त से शुरु होने वाले नए शिक्षा सत्र के दौरान ये मेडिकल कालेज कार्यरत हो जाए। फिलहाल राज्य के 7 जिलों में खुलने वाले ये नए मेडिकल कालेज जिला अस्पताल की पुरानी इमारतों में अस्थाई तौर पर शुरु किए जाएंगे। इससे राज्य के मेडिकल कालेजों में छात्रों की प्रवेश क्षमता 700 बढ़ जाएगी साथ ही मरीजों के लिए 3010 बिस्तर उपलब्ध हो सकेंगे।

मेडिकल शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दैनिक भास्कर को बताया कि पिछले साल राज्य सरकार ने फैसले लिया था कि महाराष्ट्र के सभी जिलों में मेडिकल कालेज होने चाहिए इसके लिए उन 9 जिलों में मेडिकल कालेज शुरु करने का फैसला लिया गया था, जहां पर अभी तक मेडिकल कालेज नहीं हैं। इनमें पालघर, अंबरनाथ (ठाणे), जालना, अमरावती, बुलढाणा, वाशिम, वर्धा, भंडारा और गडचिरोली शामिल है। प्रत्येक मेडिकल कालेज में 100 विद्यार्थी क्षमता और 430 बिस्तर वाले अस्पताल बनाने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए 14 जुलाई 2023 को शासनादेश जारी किया गया था। इस पर 1950 करोड़ 75 लाख रुपए खर्च किए जाने हैं। इन नौ मेडिकल कालेज के लिए कुल 4032 पद और संबंद्ध अस्पतालों के लिए 983 पद सृजित किए जाएंगे।

पालघर-वर्धा में लगेगा दो साल का समय

अब इन 10 जिलों में से पालघर और वर्धा को छोड़ कर बाकी जिलों में इस साल अगस्त से मेडिकल कॉलेज व अस्पताल शुरु करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए 25 एकड़ जमीन का चयन किया गया है। अधिकारी ने बताया कि फिलहाल पालघर में अस्थाई तौर पर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल खोलने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं है। वहां नए मेडिकल कॉलेज-अस्पताल के लिए इमारत बनाने का काम चल रहा है। इसमें दो साल का समय लगेगा।

12906 लोगों कों मिलेगा रोजगार

इन नौ मेडिकल के लिए 4032 व इससे संबंद्ध अस्पतालों के लिए 8874 पद सृजित किए जाएंगे। यानि कुल 12 हजार 906 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिल सकेगा।

फिलहाल राज्य में है डॉक्टरों की भारी कमी

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुसार एक जनसंख्या पर एक डाक्टर होने चाहिए। पर महाराष्ट्र की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट-2020-21 के अनुसार राज्य में प्रति एक हजार जनसंख्या पर डॉक्टरों का प्रमाण केवल 0.84 है। यह राष्ट्रीय औसत (0.90) से कम है। राज्य सरकार का कहना है कि डाक्टरों की कमी के चलते सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों के अधिकांश पद रिक्त हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में डॉक्टरों की बेहद कमी है। इसके मद्देनजर सरकार ने नए मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है।

Tags:    

Similar News