महाराष्ट्र सदन घोटाला: सेशन कोर्ट ने छगन भुजबल के परिजनों के मुकदमे वापस लेने की अर्जी पर फैसला रखा सुरक्षित

  • भुजबल, उनके बेटे और भतीजे के खिलाफ महाराष्ट्र सदन घोटाले से जुड़ा मामला
  • मुकदमे वापस लेने की अर्जी पर फैसला रखा सुरक्षित

Bhaskar Hindi
Update: 2023-09-13 15:09 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सेशन कोर्ट के विशेष पीएमएलए अदालत ने राकांपा (अजीत गुट) नेता और खाद्य आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल, उनके बेटे और समीर भुजबल के अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है। उनकी तर्क है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) का उसके खिलाफ दर्ज मामला को समाप्त हो गया है। इसलिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके खिलाफ दायर मुकदमा जारी नहीं रहना चाहिए।

पीएमएलए न्यायाधीश राहुल रोकड़े ने पुष्टि की कि छगन भुजबल, उनके बेटे और समीर भुजबल के अर्जी पर फैसला 13 अक्टूबर तक घोषित किया जाएगा।

छगन भुजबल, उनके बेटे और भतीजे के खिलाफ महाराष्ट्र सदन घोटाले से जुड़ा मामला है, जिसकी पहले जांच राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) कर रही थी। एसीबी का यह मामला पहले ही खत्म हो चुका है, जिसके बाद भुजबल के बेटे और भतीजे, समीर और पंकज के साथ-साथ मामले के चार अन्य आरोपियों, संजय जोशी, तनवीर शेख, सत्येन केसरकर और राजेश धरप ने अदालत से आग्रह किया कि उनके खिलाफ ईडी के मुकदमे को बंद कर दिया जाए। भुजबल परिवार के अलावा 50 से अधिक लोग इसमें आरोपी थे।

हाई कोर्ट में भी छगन भुजबल और समीर भुजबल के खिलाफ सुनवाई टली

ईडी ने बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट को भुजबल के खिलाफ दायर की गई गलत याचिका के बारे में सूचित किया। जब मामला सुनवाई के लिए पेश किया गया, तो ईडी के वकील ने अतिरिक्त समय का अनुरोध किया। इसके बाद न्यायमूर्ति आर.एन.लड्ढा ने याचिका के बारे में विवरण मांगा, जो ईडी के वकील के पास नहीं था। उन्होंने बताया कि याचिका ईडी द्वारा दायर की गई थी, लेकिन कोई कागजी कार्रवाई नहीं होने के कारण वह अदालत को जानकारी देने में असमर्थ थे। न्यायाधीश लड्ढा ने इस स्पष्टीकरण से सहानुभूति नहीं जताई और मामले को 30 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया। भुजबल को 2018 से ईडी द्वारा कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। याचिका अब तक सुनवाई के लिए नहीं आई, जब भुजबल राज्य में भाजपा-शिवसेना सरकार में मंत्री बन गए हैं।

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