सुशांत राजपूत की मौत मामला: सेशन कोर्ट - एनसीबी द्वारा प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया

  • अदालत ने एनसीबी को आरोपी क्षितिज प्रसाद के पासपोर्ट वापस करने का दिया निर्देश
  • एनसीबी ने धर्मा प्रोडक्शन के पूर्व कार्यकारी प्रोड्यूसर क्षितिज प्रसाद का पासपोर्ट किया था जब्त
  • सुशांत सिंह राजपtत की मौत ड्रग्स का मामला

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-17 16:02 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सेशन कोर्ट ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) को सुशांत सिंह राजपुत की मौत के ड्रग्स मामले में आरोपी धर्मा प्रोडक्शन के पूर्व कार्यकारी प्रोड्यूसर क्षितिज प्रसाद का पासपोर्ट वापस करने का निर्देश देते हुए कहा कि पासपोर्ट जब्त करने का अधिकार केवल पासपोर्ट अथॉरिटी को है। इस मामले में एनसीबी द्वारा प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।

विशेष पीएनएलए अदालत में वकील सतीश मनेशिंदे के माध्यम से दायर प्रसाद के आवेदन में कहा गया था कि वह जमानत पर बाहर हैं और जब भी उन्हें जांच के लिए बुलाया गया ,तो उन्होंने जांच अधिकारी के साथ सहयोग किया है। प्रसाद ने अपने आवेदन में एनसीबी को अपना पासपोर्ट वापस करने का निर्देश देने की मांग की थी। एनसीबी ने प्रसाद को 2020 में गिरफ्तार किया था।

विशेष अदालत ने कहा कि जब प्रसाद को 2020 में जमानत दी गई थी, तो उन्हें एनसीबी के पास पासपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया था। उस आदेश को तीन साल से अधिक की अवधि बीत चुकी है। इस मामले में प्रतिवादी (एनसीबी) द्वारा पासपोर्ट प्राधिकरण अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार नहीं किया गया है। अनुच्छेद 21 के अर्थ में व्यक्तिगत स्वतंत्रता के दायरे में विदेश जाने का अधिकार भी शामिल है। इसके परिणामस्वरूप किसी भी व्यक्ति को कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अलावा उसके अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है। इस मामले में ऐसा प्रतीत होता है कि एनसीबी ने पासपोर्ट को अपने पास रखने के लिए कानून के अनुसार प्रक्रिया का पालन नहीं किया है।

एनसीबी ने यह कहते हुए उनके आवेदन का विरोध किया था कि यदि पासपोर्ट वापस किया जाता है, तो संभावना है कि आरोपी भाग सकता है। एजेंसी ने कहा कि जब भी उन्हें विदेश यात्रा की आवश्यकता हो, प्रसाद केवल यात्रा की अवधि के लिए अपना पासपोर्ट वापस करने का अनुरोध कर सकते हैं।अदालत ने कहा कि प्रसाद मुंबई का निवासी है और एनसीबी की इस दलील में कोई दम नहीं है कि अगर उसका पासपोर्ट वापस कर दिया गया, तो वह फरार हो जाएगा. एनसीबी द्वारा उत्पन्न आशंकाओं के लिए सुरक्षा उपायों के रूप में शर्तें लगाई जा सकती हैं।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि प्रतिवादी द्वारा पासपोर्ट को आगे हिरासत में रखने का कोई उचित आधार नहीं दिखता है। अदालत ने प्रसाद को निर्देश दिया कि अगर वह विदेश यात्रा करते हैं, तो वह एनसीबी को अपनी यात्रा का विवरण बताएं। सुशांत सिंह राजपुत की मौत के बाद एनसीबी ने ड्रग्स से संबंधित विभिन्न भूमिकाओं का दावा करते हुए प्रसाद सहित 30 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था। प्रसाद ने इस मामले से मुक्ति की मांग की है, जो लंबित है।

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