स्पष्टीकरण मांगा: निर्धारित समय पर नहीं हो सके मुंबई विश्वविद्यालय के सीनेट चुनाव, करना पड़ सकता है इंतजार

  • लोकसभा चुनाव खत्म होने तक इंतजार करना पड़ सकता है
  • युवा सेना (उद्धव) के साथ एबीवीपी ने भी जताई नाराजगी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-23 16:31 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. विश्वविद्यालय ने सीनेट चुनावों के लिए जो समयसारिणी जाहिर की थी उसके मुताबिक 24 अप्रैल को यानी आज मतगणना होनी थी लेकिन इस पर अमल नहीं हो सका। दरअसल मुंबई विश्वविद्यालय ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पूछा है कि क्या लोकसभा चुनाव के दौरान मुंबई विश्वविद्यालय के सीनेट चुनाव हो सकते हैं जवाब में आयोग ने कुछ मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगा है। ऐसे में अब मुंबई विश्वविद्यालय फिर से इससे जुड़े नियमों की जानकारी चुनाव आयोग को देगा जिसके बाद चुनाव को लेकर फैसला होगा। इसके अलावा फैसले के बाद ही अंतिम मतदाता सूची भी प्रकाशित की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया में इतना समय लग सकता है कि लोकसभा चुनाव ही खत्म हो जाएं। युवा सेना (उद्धव) के प्रदीप सावंत ने कहा कि सीनेट चुनावों का चुनाव आयोग से कोई लेना देना नहीं है।

मुंबई विश्वविद्यालय स्वायत्त संस्था है और इसके चुनाव कोई राजनीतिक चुनाव नहीं होते यहां विद्यार्थियों की परेशानी प्रशासन तक पहुंचाने के लिए सीनेट के 10 सदस्य चुने जाते हैं। इसमें राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल नहीं किया जाता ना ही पार्टियां अपने उम्मीदवार उतारती हैं। सावंत ने कहा कि मुंबई विश्वविद्यालय अब मुंबई विश्वविद्यालय एक्ट के मुताबिक नहीं बल्कि भाजपा के इशारे पर चल रही है। दरअसल चुनाव में भाजपा के छात्र संगठन से जुड़े लोगों की हार तय है जिसका असर लोकसभा चुनावों पर भी पड़ता इसीलिए चुनाव को टाला गया।

वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े हर्षद भिडे ने कहा कि हम भी चाहते हैं कि सीनेट चुनाव जल्द से जल्द कराए जाएं। सीनेट सदस्य विद्यार्थियों के सवाल उठाते हैं ऐसे में हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी कर चुनाव कराए जाएं। मुंबई विश्वविद्यालय की पहले की मतदाता सूची में 1 लाख 23 हजार मतदाता थे लेकिन जो प्रोविजनल लिस्ट तैयार की गई है उसमें मतदाताओं की संख्या घटकर 13 हजार रह गई है। पुराने लिस्ट के फर्जी नाम हटने के बाद जरूरी है कि सीनेट चुनाव की प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाए।

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