लोकसभा चुनाव 2024: सीट बंटवारा - महाविकास आघाडी में कांग्रेस 23 सीटों से कम पर तैयार नहीं

  • सीटों के बंटवारे को लेकर काफी दिनों से बातचीत चल रही
  • कांग्रेस ने राज्य में विभागों के हिसाब से सीटों पर तैयारियां शुरू कर दी
  • शिवसेना और शरद पवार की राकांपा में हुई टूट के बाद दोनों ही दल धरातल पर कमजोर

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-22 15:33 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई, सोमदत्त शर्मा। महाविकास आघाडी में लोकसभा की सीटों के बंटवारे को लेकर काफी दिनों से बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला नहीं हो सका है। इस बीच कांग्रेस ने राज्य में विभागों के हिसाब से सीटों पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। तीन दिन पहले गडचिरौली में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले की अध्यक्षता में हुई बैठक में कांग्रेस के ज्यादातर नेता इस पक्ष में दिखे कि कांग्रेस इस बार राज्य में कम से कम 23 सीटों पर चुनाव लड़े। हालांकि आघाडी के दोनों दल शिवसेना (उद्धव) और राकांपा (शरद) कांग्रेस को इतनी संख्या में सीटें देने के लिए तैयार नहीं हैं। यही कारण है कि तीनों दलों में सीटों के बंटवारे पर आम राय नहीं बन सकी है।

आघाडी में सीटों के बंटवारे को लेकर भले ही अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ हो लेकिन कांग्रेस ने राज्य की सभी 48 सीटों पर तैयारियों का जाएजा लेना शुरू कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस के एक दर्जन से ज्यादा वरिष्ठ नेताओं की एक टीम जिसमें प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रमेश चेन्निथला और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले शामिल हैं। वह विभाग के हिसाब से लोकसभा सीटों की तैयारी की जांच पड़ताल कर रहे हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने "दैनिक भास्कर" को बताया कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की राकांपा में हुई टूट के बाद दोनों ही दल धरातल पर कमजोर दिख रहे हैं। यही कारण है कि कांग्रेस ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए अब 23 सीटों पर दावा ठोकने का फैसला किया है। इस नेता ने यह भी बताया कि कांग्रेस के ज्यादातर नेता लगभग पिछले साढ़े चार साल से भी ज्यादा समय से चुनावी तैयारी में जुटे हुए हैं, जबकि उद्धव और शरद गुट के जो कार्यकर्ता तैयारी कर रहे थे वह शिंदे और अजित पवार गुट में शामिल हो गए हैं। ऐसे में इन दोनों ही दलों के पास चुनाव लड़ने वाले नेताओं का टोटा पड़ गया है।

अमरावती में हुई कांग्रेस की विभागीय बैठक में भी यह मुद्दा उठा था कि कांग्रेस अमरावती, गडचिरोली और उन दूसरे विभागों में जहां ज्यादा मजबूत है, वहां कांग्रेस को ज्यादा से ज्यादा सीटों की मांग करनी चाहिए। अमरावती की बैठक में तो इस बात पर भी फैसला हुआ था कि क्योंकि अमरावती में इस समय कांग्रेस के चार विधायक हैं, इसके अलावा जिला पंचायत से लेकर बाजार समिति में भी कांग्रेस का वर्चस्व है। इसलिए आगामी चुनाव में कांग्रेस को आघाडी की बैठक में अमरावती लोकसभा सीट पर तो 100 फीसदी दावा ठोकना चाहिए। राकांपा (शरद) मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे का कहना है कि आघाडी में अभी लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर अंतिम फैसला नहीं हुआ है, लिहाजा इससे पहले किसी भी दल को इस तरह की बयानबाजी से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द तीनों दल आपस में बैठकर सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला लेंगे।

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