फैसला वापस: बारहवीं की उत्तर पुस्तिका की जांच होगी शुरू, आश्वासन के बाद माने शिक्षक
- 50 लाख उत्तर पुस्तिकाओं की जांच थी प्रलंबित
- आश्वासन के बाद माने शिक्षक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के कनिष्ठ महाविद्यालयों ने बारहवीं की उत्तर पुस्तिका जांचने के बहिष्कार का जो फैसला किया था उसे वापस ले लिया है। रविवार को मुंबई में शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के साथ महाराष्ट्र राज्य कनिष्ठ महाविद्यालयीन शिक्षक महासंघ के पदाधिकारियों ने मांगों को लेकर बातचीत की इसके बाद अध्यक्ष डॉ संजय शिंदे ने कहा कि शिक्षकों की मांगों को मान लिया गया है इसलिए हमने उत्तर पुस्तिकाओं की जांच शुरू करने का फैसला किया है। बैठक में शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव रणजीत सिंह देओल, शिक्षा आयुक्त सूरज मांढरे के साथ महासंघ के समन्वयक मुकुंद आंधलकर, सचिव संतोष फासगे और दूसरे पदाधिकारी भी शामिल थे।
आंधलकर ने कहा कि उन्हें आश्वासन दिया गया है कि पुरानी पेंशन को लेकर सरकारी कर्मचारियों के लिए जो आदेश जारी किया गया है वह शिक्षकों पर भी लागू होगा। यानी 1 नवंबर 2005 से पहले नौकरी में शामिल हुए शिक्षकों को भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। जबकि इसके बाद नौकरी में आए शिक्षकों के लिए भी सरकार सकारात्मक रुप से विचार कर रही है। जिन 253 शिक्षकों का प्रमोशन रुका हुआ है उसकी अड़चने भी दूर करने का आश्वासन दिया गया है। साल 2001 से आईटी विषय के मान्यता प्राप्त शिक्षकों को भी योग्य होने पर रिक्त पदों पर 60 दिनों में समायोजित किया जाएगा। दूसरे सरकारी कर्मचारियों की तरह ही शिक्षकों को भी 10, 20, 30 वर्ष की सुधारित सेवा अंतर्गत वेतनश्रेणी देने को लेकर वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है और जब तक इस पर फैसला नहीं हो जाता 20 फीसदी की शर्त स्थगित रखी जाएगी। जिन कनिष्ठ महाविद्यालयों को 20/40/60 फीसदी अनुदान मिल रहा है उनके लिए अगला चरण जल्द लागू करने का भी आश्वासन दिया गया है। मंत्री केसरकर ने महासंघ के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि 21678 रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू है और बाकी खाली पद भी जल्द भरे जाएंगे। इसके अलावा दूसरी प्रलंबित मांगों को लेकर 15 दिन में फिर बैठक का आश्वासन दिया गया है।
50 लाख उत्तर पुस्तिकाओं की जांच थी प्रलंबित
महाराष्ट्र बोर्ड की बारहवीं की परीक्षाएं बुधवार 21 फरवरी से शुरू हुईं हैं और अंग्रेजी, हिंदी, मराठी जैसी परीक्षाएं हो चुकी हैं। लेकिन शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर उत्तर पुस्तिका जांचने से इनकार कर दिया था जिसके चलते 50 लाख से ज्यादा उत्तर पुस्तिकाओं की जांच प्रलंबित थीं। मुंबई विभागीय कनिष्ठ महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष एलएल दीक्षित ने कहा कि हमने बहिष्कार वापस लेकर उत्तर पुस्तिकाओं की जांच शुरू करने का फैसला किया है और हम निर्धारित समय में जांच पूरी कर लेंगे। उम्मीद है कि सरकार भी अपना वादा निभाएगी और हमें फिर आंदोलन नहीं करना होगा।