असली शिवसेना का मामला: SC ने विधायी बहुमत परीक्षण का उपयोग करने पर जताई आपत्ति, 8 अप्रैल को सुनवाई

  • शिंदे खेमे को असली शिवसेना बताने का मामला
  • मामले में अगली सुनवाई 8 अप्रैल को

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-07 16:21 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के शिंदे खेमे को असली शिवसेना बताने और विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराने के आदेश को चुनौती देने वाली ठाकरे गुट की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने नार्वेकर द्वारा कौन सा गुट असली पार्टी है, इसे ठहराने के लिए विधायी बहुमत के परीक्षण का उपयोग करने पर आपत्ति जताई। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाल और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने आज सुनवाई के दौरान इस बिंदू पर भी विचार किया कि क्या स्पीकर का यह दृष्टिकोण पिछले साल सुभाष देसाई मामले में संविधान पीठ के फैसले का खंडन करता है। सुनवाई के दौरान शिंदे खेमे की तरफ से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने इस मुद्दे पर जोर दिया कि उद्धव खेमा विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ सीधे सुप्रीम कोर्ट आए। असाधारण जैसी कोई परिस्थिति नहीं है।

हालांकि, उद्धव के वकील कपिल सिब्बल ने मामले की तात्कालिकता और शीघ्र समाधान की आवश्यकता पर बल दिया, यह हवाला देते हुए कि विधानसभा का कार्यकाल इस साल अक्टूबर-नवंबर में ही समाप्त हो रहा है। सिब्बल ने प्रतिपक्ष द्वारा जवाब दाखिल करने में की जा रही देरी की ओर इशारा करते हुए चिंता व्यक्त की कि यदि मामले को बॉम्बे हाईकोर्ट में पुनर्निर्देशित किया गया तो यह मामले को तब तक लंबा खिंच सकता है जब तक कि यह अंतत: निष्फल न हो जाए। दलीले सुनने के बाद पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को मुकर्रर करते हुए प्रतिपक्ष को 1 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए।


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