आदेश: स्कूलों के 500 मीटर दायरे में एनर्जी ड्रिंक के बिक्री पर लगाई जाएगी रोक

  • अन्न व औषधि प्रशासन विभाग की ओर से जारी किया जाएगा आदेश
  • विधान परिषद में मंत्री धर्मरावबाबा आत्राम ने दी जानकारी दी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-12 15:13 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. प्रदेश में स्कूलों के आसपास के 500 मीटर के दायरे में ज्यादा कैफीन वाले एनर्जी ड्रिंक के बिक्री पर रोक लगाई जाएगी। राज्य के अन्न व औषधि प्रशासन विभाग की तरफ से इस बारे में आदेश जारी किया जाएगा। विधान परिषद में प्रदेश के अन्न व औषधि प्रशासन मंत्री धर्मरावबाबा आत्राम ने यह जानकारी दी। प्रश्नकाल में सदन के निर्दलीय सदस्य सत्यजीत तांबे ने कैफिन के अतिरिक्त प्रमाणवाले एनर्जी ड्रिंक की बिक्री पर रोक लगाने को लेकर सवाल पूछा था। इसके जवाब में आत्राम में कहा कि स्कूलों के आपसास के कम से कम 500 मीटर की दूरी तक जैसे ज्यादा कैफीन वाले स्पिरिट, रेड बुल जैसे एनर्जी ड्रिंक के बिक्री पर रोक लगाई जाएगी। इससे संबंधित आदेश भी जारी किया जाएगा। आत्राम में कहा कि शेत पीय में कैफीन का इस्तेमाल को लेकर एक मात्रा निर्धारित होती है। लेकिन ज्यादा कैफीन के इस्तेमाल से नींद अधिक आती है। इसलिए बर्फ और दूसरे शीत पेय में अधिक मात्रा में कैफीन का उपयोग किया जाता है। आत्राम ने कहा कि स्कूलों के आसपास की दुकानों में बेचे जाने वाले पैकेट बंद पदार्थ प्रमाणित होते हैं। पैकट बंद खाद्य पदार्थों के बिक्री को लेकर कोई खतरा नहीं है। इसी दौरान आत्राम ने कहा कि नाशिक विभाग में 33 हजार 190 रुपए की कीमत की लगभग 1800 लीटर का शेत पेय और अन्य प्रकार के पदार्थ जब्त किया गया है। आत्राम ने कहा कि बीते एक साल में 44 हजार 161 लीटर मिलावटी दूध को जब्त किया गया है। इसके अलावा 1 करोड़ 38 लाख रुपए का 1 लाख 33 हजार दुग्धजन्य पदार्थ जब्त किया गया है। जबकि 16 करोड़ रुपए का 5 लाख 14 हजार 847 किलो खाद्य तेल जब्त किया गया है। वहीं 30 करोड़ रुपए का गुटखा जब्त किया गया है। आत्राम ने कहा कि राज्य में औषधि प्रशासन विभाग का सातों विभागों में प्रयोगशाला बनाने के लिए पीपीपी मॉडल अपनाया जाएगा। फिलहाल राज्य में औषधि प्रशासन विभाग के पांच विभागों में ही लैब है। आत्राम ने कहा कि औषधि प्रशासन विभाग को बजट में बहुत अधिक निधि नहीं मिलती है। इसलिए विभिन्न जब्ती से प्राप्त होने वाली निधि से औषधि प्रशासन विभाग का कामकाज चल रहा है।

हलाल प्रमाणित पर रोक लगाने बैठक

इस बीच शिवसेना (शिंदे) की सदस्य मनीषा कायंदे ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर महाराष्ट्र में हलाल प्रमाणित पर रोक लगाने की मांग की। कांयदे ने कहा कि मांस के कांटने से हलाल का कोई संबंध नहीं है। फिर भी गैर कानूनी तरीके से कुछ संस्थाओं द्वारा हलाल प्रमाणित किया जाता है। इसके जवाब में मंत्री आत्राम ने कहा कि विभाग की ओर से आयोजित की जाने वाली बैठक में हलाल प्रमाणित पर रोक लगाने को लेकर चर्चा की जाएगी।


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