सख्ती: स्कूल बसों को लेकर बनाए नियमों पर कड़ाई से हो अमल, बाल अधिकार संरक्षण आयोग की हिदायत
- स्कूल बसों को लेकर बनाए नियम
- बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कहा कड़ाई से नियमों का पालन हो
- आयोग की अध्यक्ष सुशीबेन शाह ने दी हिदायत
डिजिटल डेस्क, मुंबई. स्कूल बसों से सफर करने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 से नियमों पर कड़ाई से अमल के निर्देश दिए हैं। स्कूल प्रबंधन को यह सुनिश्चत करने को कहा गया है कि चालक, स्कूल का संपर्क क्रमांक, बस मालिक, वाहन पंजीकरण संख्या और स्कूल का नाम बस के बाहरी हिस्से पर लिखा हो जिसे कोई भी आसानी से देख सके। साथ ही बसों में जीपीएस, अलार्म, सायरन और सीसीटीवी कैमरे भी लगाने होंगे। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का कम से कम 15 दिनों तक बैकअप रखने को कहा गया है जिससे जरूरत पड़ने पर उसे देखा जा सके।
बसों की गति सीमित रखने की व्यवस्था भी करने के निर्देश दिए गए हैं। आयोग की अध्यक्ष सुशीबेन शाह ने कहा कि स्कूल बसों में विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर पहले ही नियम कानून बनाए गए हैं इन पर कड़ाई से अमल किया जाना चाहिए। आयोग ने भी पुलिस, शिक्षा विभाग के अधिकारियों, अभिभावकों आदि से बात कर इसे लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं। शाह ने कहा कि हमने सभी स्कूलों में परिवहन समिति गठित कर उसमें प्रबंधन के प्रतिनिधि के साथ पीटीए और विद्यार्थियों को शामिल करने को कहा है।
ड्राइवर कंडक्टर के लिए पुलिस से ली जाए मंजूरी
आयोग ने स्कूलों के प्रबंधन से कहा है कि वे ड्राइवरों और कंडक्टरों का पूरा विवरण लेने के साथ पुलिस से उनका चरित्र भी सत्यापित कराएं। साथ ही महिला अटेंडेंट भी तैनात की जाए। पिकनिक के दौरान आउटसोर्सिंग सेवाओं से बचने की भी सलाह दी गई है साथ ही कहा गया है कि किसी भी अप्रिय घटना पर प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकता। इसके अलावा बसों में पारदर्शी शीशे, प्राथमिक उपचार किट, आग बुझाने के उपकरण, खिड़की पर जाली की व्यवस्था करने को भी कहा गया है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्कूलों को यह भी निर्देश दिए हैं कि वे विद्यार्थियों को तर तीन महीने में ‘गुड टच बैड टच’ के बारे में जानकारी दें।