मराठा आरक्षण: राज्यभर में दो घंटे के लिए होगा रास्ता रोको आंदोलन, भुजबल ने साधा निशाना

  • बोर्ड परीक्षाओं के चलते 25 फरवरी के बाद सिर्फ धरना होगा
  • आरक्षण मिल गया तो आंदोलन क्यों- भुजबल
  • हमारे आंदोलन के बारे में पूछने वाले भुजबल कौन- जरांगे-पाटील

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-23 16:26 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. मराठा आरक्षण को लेकर 24 फरवरी को राज्य भर में रास्ता रोको आंदोलन का ऐलान कर चुके मनोज जरांगे-पाटील ने बॉम्बे हाई कोर्ट से मिली फटकार के बाद आंदोलन के समय में बदलाव करने का फैसला किया है। जो आंदोलन शनिवार सुबह साढ़े 10 बजे से लेकर एक बजे तक होना था, अब उसे 12वीं के विद्यार्थियों की परीक्षा के चलते 11 बजे से एक बजे के बीच करने का फैसला किया है। इसके साथ ही जरांगे-पाटील ने आंदोलनकारियों को स्पष्ट आदेश दिया है कि परीक्षा देने जाने वाले विद्यार्थियों को आंदोलन के चलते कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। राज्य सरकार में मंत्री और ओबीसी नेता छगन भुजबल ने जरांगे-पाटील पर निशाना साधते हुए कहा है कि जब मराठा समाज को आरक्षण मिल चुका है तो फिर वह आंदोलन क्यों कर रहे हैं। हालांकि बोर्ड परीक्षाओं के चलते 25 फरवरी के बाद सिर्फ धरना ही होगा। जरांगे-पाटील ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि 24 तारीख को 11 बजे से एक बजे तक प्रदेश भर में रास्ता रोको विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उसके बाद 25 फरवरी से कुछ दिनों के लिए रास्ता रोको आंदोलन को धरना आंदोलन में तब्दील कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमने तय कर लिया है कि अब हम किसी भी राजनीतिक दल के नेता से बात नहीं करेंगे। इसके अलावा 3 मार्च को होने वाला रास्ता रोको मार्च भी तय है।

भुजबल और जरांगे-पाटील में जुगलबंदी

मंत्री छगन भुजबल ने जरांगे-पाटील पर निशाना साधते हुए कहा कि विधानमंडल में मराठाओं को आरक्षण देने का विधेयक पारित हो गया है। ऐसे में उन्हें समझ में नहीं आता है कि जरांगे-पाटील आंदोलन पर क्यों बैठे हुए हैं? भुजबल को जवाब देते हुए जरांगे-पाटील ने कहा कि आंदोलन हम कर रहे हैं, ऐसे में हमारे आंदोलन के बारे में सवाल उठाने वाले छगन भुजबल कौन हैं?

अदालत ने आंदोलन को लेकर मांगा जवाब

मनोज जरांगे-पाटील के वकीलों ने बॉम्बे हाई कोर्ट को आश्वासन दिया कि शनिवार को राज्य में विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा और कानून-व्यवस्था को लेकर कोई समस्या नहीं होगी। गुरुवार को राज्य सरकार ने अदालत का रुख करते हुए इस मामले में जल्द सुनवाई की मांग की। न्यायमूर्ति अजय गडकरी और न्यायमूर्ति श्याम चांडक की खंडपीठ ने शुक्रवार को जरांगे-पाटील के वकील वी.एम.थोरात को यह बयान देने का निर्देश दिया कि शनिवार को प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा। थोरात ने पहले इससे इनकार कर दिया कि विरोध का आह्वान अकेले जरांगे-पाटील ने नहीं किया है, बल्कि मराठा आंदोलन समिति ने किया था। इस पर राज्य के महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने कहा कि उन्होंने (जरांगे-पाटील) फिर से रास्ता रोको का आह्वान किया है और लोगों से अपने विवाह जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों से भी बचने के लिए कहा है। यह अराजकता पैदा करने की स्थिति है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 26 फरवरी को रखी है।

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