मंत्रालय में जड़ा ताला: मराठा आरक्षण पर सर्वदलीय बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास, मनोज जरांगे पाटील खत्म करें अनशन
- मनोज जरांगे पाटील अनशन खत्म करें
- कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील
- विधायकों ने मंत्रालय में जड़ा ताला
- पौने घंटे तक हिरासत में रहे
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठा आरक्षण को लेकर बुधवार को सह्याद्री अतिथि गृह में सर्वदलीय बैठक में मराठा समुदाय को आरक्षण देने पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया। मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए राज्य के सभी राजनीतिक दल मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं। इस बैठक में यह भी मांग रखी गई कि राज्य में कानून व्यवस्था को कोई हाथ में न लें। बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर जरांगे पाटील से सहयोग करने और अनशन वापस लेने की अपील की गई है। बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण सहित दूसरे दलों के नेता मौजूद रहे। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने बैठक में उन्हें नहीं बुलाए जाने पर नाराजगी जाहिर की है।
क्यूरेटेव पिटिशन में मजबूती से पक्ष रखने की तैयारी
मुख्यमंत्री शिंदे ने बैठक में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन के जरिए सरकार की भूमिका मजबूती के साथ रखना चाहती है। यही कारण है कि उसके लिए संबंधित कागजात इकट्ठे किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछली त्रुटियों को दूर करने पर भी काम किया जा रहा है जिसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने पहले मराठा आरक्षण को रद्द कर दिया था। इसके अलावा राज्य के सभी जिलाधिकारी और तहसीलदारों को मराठा कुणबी रिकॉर्ड रखने वालों को प्रमाण पत्र जारी करने के भी निर्देश दिए हैं।
केंद्र सरकार की मदद क्यों नहीं ले रहे: वडेट्टीवार
विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेटटीवार ने बैठक में सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण को लेकर काम कर रही है वह ठीक है लेकिन इस मामले में केंद्र सरकार की मदद क्यों नहीं ली जा रही है? ऐसा ही सवाल पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने भी उठाया। चव्हाण ने कहा कि केंद्र सरकार को मराठा आरक्षण के मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने दैनिक भास्कर से कहा कि मराठा आरक्षण के संबंध में कानूनी प्रक्रिया को जल्द गति से पूरा किया जाना चाहिए। पटोले ने प्रदर्शनकारियों से भी अपील की है कि उन्हें सरकार को समय देने की जरूरत है।
कानून व्यवस्था चरमराई: दानवे
विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने बैठक में कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। ऐसा लगता है कि पुलिस का प्रदर्शनकारियों को कोई डर नहीं है। शिवसेना (उद्धव) विधायक अनिल परब ने कहा कि सरकार को मराठा समाज के लिए कोर्ट में टिकने वाला आरक्षण देना चाहिए।
आरक्षण मिलने तक अनशन खत्म नहीं करूंगा- जरांगे पाटील
दूसरी तरफ सर्वदलीय बैठक के बाद जालना में मनोज जरांगे पाटील ने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर और समय किसलिए चाहिए? सरकार को बताना चाहिए कि सरकार मराठा समाज को किस तरीके से और कितने समय में आरक्षण देगी। हमें मराठा समाज के लिए आधा-अधूरा आरक्षण स्वीकार नहीं है। सरकार राज्य के सभी मराठों को कुनबी प्रमाणपत्र देने का फैसला करे। जिससे मराठा समाज के लोगों को ओबीसी आरक्षण का लाभ मिल सके। मराठा आरक्षण मिलने तक मेरा अनशन खत्म नहीं होने वाला है। आने वाले दिनों में सरकार मराठा आरक्षण आंदोलन को संभाल नहीं पाएगी।
फडणवीस इस्ताफा दें: सुप्रिया
राकांपा (शरद) सांसद सुप्रिया सुले गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर पिछले कुछ दिनों से कानून व्यवस्था को लेकर हमलावर हैं। बुधवार को उन्होंने एक बार फिर खराब कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए देवेंद्र का इस्तीफा मांगा।
इस बैठक में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और मंत्रियों के अलावा राकांपा (शरद) से शरद पवार, कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण, विरोधी पक्ष नेता विजय वडेट्टीवार और अंबादास दानवे, शिवसेना (उद्धव) अनिल परब, जयंत पाटील, नाना पटोले, सदाभाऊ खोत, जोगेंद्र कवाडे, सुलेखा कुंभारे, बच्चू कडू और जयंत पाटील (शेकाप) समेत 32 मंत्री और विभिन्न दलों के नेता शामिल हुए।
मंत्रालय की मुख्य इमारत पर जड़ा ताला
मराठा आरक्षण को लेकर बुधवार की सुबह कुछ लोगों ने दक्षिण मुंबई के आकाशवाणी के पास स्थित आमदार निवास के पास खड़ी गाड़ी में तोड़फोड़ की साथ ही चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ की गाड़ी को भी नुकसान पहुंचाया। मरीन ड्राइव पुलिस ने 3 लोगों को हिरासत में लिया है। वहीं विभिन्न दलों के 23 विधायकों ने मंत्रालय की मुख्य इमारत के एक प्रवेश द्वार पर ताला जड़ दिया था। इस प्रकरण में विधायकों को आजाद मैदान पुलिस थाने में लाया गया था। पौने घंटे तक हिरासत में रखने के बाद सभी को छोड़ दिया गया।
हिरासत में लिये गए विधायकों में राकांपा (अजित) के विधायक विक्रम काले, बीड के बालासाहेब आजवे, सातारा के मकरंद पाटील, पुणे के सुनील शेलके, सतीश चव्हाण, सोलापुर के यशवंत माने, नाशिक के माणिकराव कोकाटे, नांदेड के मोहन हंबर्डे, नाशिक के दिलीपराव बनकर, नांदेड से जितेश अंतापूरकर, पुणे के चेतन तुपे, हिंगोली के राजू नवघरे, उस्मानाबाद से कैलाश पाटील, परभणी के बाबाजानी दुर्राणी का समावेश है।
पुलिस ने क्या की कार्रवाई
रजनीश सेठ, पुलिस महानिदेशक, महाराष्ट्र ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मराठा आरक्षण को लेकर राज्य में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए, कुछ जगहों पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हुए कुछ जगहों पर आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया। संभाजीनगर में 54 आपराधिक मामले हुए 106 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। बीड में धारा 144 लगाई गई है। अब तक 17 एसआरपीएफ कंपनियां तैनात की गई हैं। 7 हजार होम गार्ड भी भेजे गए हैं, बीड में 20 मामले दर्ज हुए हैं। आईपीसी की धारा 307 के तहत 7 मामले दर्ज हुए हैं। बीड, संभाजीनगर ग्रामीण और जालना में भी इंटरनेट सुविधा बंद कर दी गई है।
महाराष्ट्र की बात करें तो राज्य में अब तक 141 अपराध दर्ज किए गए हैं और 168 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। 146 आरोपियों को धारा 41 ए के तहत नोटिस दिया गया है। राज्य में 12 करोड़ की सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ है। 29 से 31 तारीख तक संभाजी नगर परीक्षा भवन में 54 मामले दर्ज किए गए हैं और 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।