अधीक्षक से शौचालय साफ मामला: काली पट्टी बांधकर अस्पतालों में निवासी डॉक्टरों ने किया विरोध प्रदर्शन
- अधीक्षक से शौचालय साफ मामला
- नांदेड़ के सरकारी अस्पताल के अधीक्षक से शौचालय साफ कराने के मामले ने पकड़ा तूल
- माफी मांगों, अन्यथा उग्र होगा आंदोलन
डिजिटल डेस्क, मुंबई. नांदेड़ के डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में हुई मौतों को लेकर शिवसेना सांसद हेमंत पाटिल द्वारा अस्पताल के अधीक्षक से शौचालय साफ कराए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इसके विरोध में गुरुवार को मुंबई सहित राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में निवासी डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। निवासी डॉक्टरों की संगठन सेंट्रल मार्ड ने यह तक चेतावनी दी है यदि जल्द ही सांसद हेमंत पाटील सामूहिक रूप से माफी नहीं मांगते तो डॉक्टर अपना आंदोलन और तीव्र करेंगे।
नांदेड़ के डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज में हुए मरीजों की मौत को लेकर अस्पताल के अधीक्षक से शिवसेना (शिंदे) के सांसद हेमंत पाटील ने शौचालय की सफाई कराई। इसे लेकर स्वास्थ्य क्षेत्र में डॉक्टरों से लेकर मेडिकल स्टूडेंट ने नाराजगी जाहिर की है। सरकारी अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों की संगठन सेंट्रल मार्ड और बीएमसी अस्पतालों के निवासी डॉक्टरों की संगठन बीएमसी मार्ड, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जूनियर डॉक्टरों की संगठन और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए सांसद हेमंत पाटील के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत गुरुवार से काली पट्टी बांधकर किया गया।
पहले भगवान अब इस तरह के कृत्य
बीएमसी मार्ड के सलाहकार डॉ. अक्षय यादव ने कहा कि कोविड काल में डॉक्टरों को भगवान की उपाधि दी गई। अब शौचालय तक साफ कराए जा रहे है। जिस हीन भावना से सांसद हेमंत पाटिल ने यह कृत्य किया है। इससे पूरा डॉक्टरी समाज आहत हुआ है। उन्होंने कहा कि नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में हुए दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए कई कारक जिम्मेदार है। इसकी जांच सरकार को करनी चाहिए और जो दोषी है उसके खिलाफ कार्रवाई करें लेकिन डॉक्टर से शौचालय न साफ कराए।