सुनवाई: बॉम्बे हाईकोर्ट से सुशांत ड्रग्स केस में समीर वानखेडे को मिली राहत बरकरार

  • अदालत ने एनसीबी को हलफनामा दाखिल का दिया निर्देश
  • एनसीबी ने अज्ञात व्यक्ति की शिकायत पर वानखेडे को नवंबर 2023 से मार्च 2024 के बीच भेजा 8 नोटिस
  • 23 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-18 15:45 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाई कोर्ट ने सुशांत ड्रग्स केस में भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी समीर वानखेडे को राहत बरकरार रखी है। अदालत ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) से हलफनामा दाखिल कर दो शिकायतकर्ताओं के विषय में जानकारी देने को कहा है, जिसके आधार पर एनसीबी नवंबर 2023 से मार्च 2024 तक 8 नोटिस जारी कर वानखेडे को पूछताछ के लिए बुला रही है। अदालत ने 23 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई रखी है।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा अजय देशपांडे की खंडपीठ के समक्ष गुरुवार को समीर वानखेडे की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि एनसीबी ने वानखेडे को जिन दो शिकायतों के आधार पर पूछताछ के लिए बुला रही है, उनमें से एक एनसीबी के मामले में ही वांटेड है। जबकि दूसरे शिकायतकर्ता के विषय में एनसीबी के पास कोई जानकारी नहीं है। एनसीबी के वरिष्ठ एक अधिकारी द्वारा याचिकाकर्ता को फंसाने की कोशिश की जा रही है।

उसी के इशारे पर वानखेडे को नवंबर 2023 से मार्च 2024 के बीच 8 नोटिस भेजा गया। जबकि वानखेडे की जांच से जुड़ा पूरा मामला दिल्ली में चल रहा है। ऐसे में एनसीबी को किसी भी मामले में मुंबई में जांच करने का अधिकार नहीं है। एजेंसी के उप महानिदेशक संजय सिंह उनके खिलाफ जांच को मीडिया में लीक करते हैं। खंडपीठ ने एनसीबी को 23 अप्रैल तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

तब तक समीर वानखेडे के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। एनसीबी को दो लोगों ने पत्र लिख कर समीर वानखेडे पर गंभीर आरोप लगाया है, जिसकी जांच के लिए एनसीबी ने एक के बाद एक कई नोटिस वानखेडे को भेजा है। उन्होंने एनसीबी के नोटिस भेज कर पूछताछ के लिए बुलाने को हाई कोर्ट में चुनौती दिया


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