बॉम्बे हाईकोर्ट: बीएमसी के अधिकारी और इंजीनियर को राहत, ईओडब्ल्यू से चार सप्ताह में मांगा जवाब

  • म्यूनिसिपल इंजीनियरिंग एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई
  • अदालत ने ईओडब्ल्यू से चार सप्ताह में मांगा जवाब

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-04 15:36 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाई कोर्ट से कोरोना काल में हुए विभिन्न घोटालों की जांच के घेरे में आए मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के अधिकारी और इंजीनियर को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की जांच से राहत मिली है।

अदालत ने ईओडब्ल्यू से उन मामलों की जांच को लेकर जवाब मांगा है, जिसमें बीएमसी को इंजीनियरों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ के समक्ष गुरुवार को म्यूनिसिपल इंजीनियरिंग एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रमेश देशमुख की ओर से वरिष्ठ वकील अनिल अंतुरकर और वकील हर्षवर्धन सूर्यवंशी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई।

याचिकाकर्ता वकील अनिल अंतुरकर ने दलील दी कि ईओडब्ल्यू कोरोना काल में कथित विभिन्न घोटालों की जांच के सिलसिले में बीएमसी के अधिकारियों और इंजीनियरों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी कर रही है। कोरोना काल में जान को जोखिम में डाल कर काम करने वाले इंजीनियरों को परेशान किया जा रहा है। इस पर रोक लगना चाहिए।

पिछले दिनों ईओडब्ल्यू ने 10 मार्च 2020 से 5 मई 2022 के कोरोना काल के खिचड़ी घोटाले और बाडी बैग घोटाले की जांच के लिए बड़ी संख्या में बीएमसी के अधिकारियों और इंजीनियरों नोटिस भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया था। ईडी भी इन मामलों से जुड़े मनी लांड्रिंग की भी जांच कर रही है।

याचिकाकर्ताओं का दावा है कि बीएमसी आयुक्त समेत वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा निर्देशों पर उन्होंने काम किया, तो घोटालों के लिए केवल उन्हें ही क्यों परेशान किया जा रहा है? अदालत ने इस मामले में ईओडब्ल्यू को बीएमसी आयुक्त से अनुमति लेकर कर ही इंजीनियरों को नोटिस जारी कर पूछताछ करने का निर्देश दिया है।




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