बॉम्बे हाईकोर्ट: पत्नी से तलाक के बिना दूसरी शादी करने वाले के खिलाफ एफआईआर रद्द करने से इनकार

  • एक व्यक्ति और उसकी मां के खिलाफ क्रूरता का आरोप
  • दूसरी महिला से शादी करने के आरोप में भी एफआईआर दर्ज

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-07 16:18 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति और उसकी मां के खिलाफ क्रूरता और दूसरी महिला से शादी करने के आरोप में पहली पत्नी द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने बेशर्मी से अपनी दूसरी पत्नी के बयान पर भरोसा किया। न्यायमूर्ति एएस गडकरी और न्यायमूर्ति नीला गोखले की पीठ ने याचिकाकर्ता और उसकी मां के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार करते हुए कहा कि दोनों वकीलों ने स्वीकार किया है कि दूसरी पत्नी भी है। वास्तव में हमें आश्चर्य है कि याचिकाकर्ता ही बेशर्मी से दूसरी पत्नी के बयान पर भरोसा कर रहे हैं। यह मामला नहीं है कि दोनों पक्ष तलाक लेने वाले हैं। पति ने खुद स्वीकार किया है कि तलाक की याचिका लंबित है। इन परिस्थितियों में पति ने दूसरा विवाह कर अपराध भी किया है, जो अलग से मुकदमा चलाने के अलावा महिला के साथ क्रूरता भी है।

पीठ ने कहा कि पति और सास के खिलाफ आरोप विशिष्ट थे, लेकिन देवर और उसकी पत्नी के खिलाफ आरोप अस्पष्ट थे। इसलिए पीठ ने पति और सास के खिलाफ एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया, लेकिन देवर और उसकी पत्नी के खिलाफ एफआईआर को रद्द कर दिया।

सांगली के रहने वाले जोड़े की शादी 2002 में हुई थी और 2004 में उन्हें एक बच्चा हुआ। पत्नी ने आरोप लगाया कि पति, उसकी सास, देवर और उसके देवर की पत्नी ने उसके साथ क्रूरता की। उसे तीन बार गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया गया। जब उसने गर्भपात कराने से इनकार किया, तो उसकी सास ने उसे लोहे की गर्म छड़ों से पीटा। उसके पति की नौकरी छूट जाने पर उसकी सास ने उससे 25 लाख रुपए मां के पास से लाने के लिए प्रताड़ित किया। बाद में उसे (पहले पत्नी) को घर से निकाल दिया गया और फिर पति ने दूसरी महिला से शादी कर ली।

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