तृतीय पंथियों लिए घर- शिक्षा और नौकरियों में प्रावधान की सिफारिश, मॅट्रिमोनी हो चुका लॉन्च
- ट्रांसजेंडर के तीसरे कॉलम की शुरुआत
- अब तृतीय पंथियों के लिए मॅट्रिमोनी हुआ लॉन्च
डिजिटल डेस्क, मुंबई, सोमदत्त शर्मा. राज्य सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने तृतीय पंथी समाज के लोगों के लिए विभाग स्तर पर आधार आश्रम योजना शुरू करने का प्रस्ताव तैयार किया है। जिसे जल्द ही मुख्यमंत्री के पास भेजा जाएगा। इस प्रस्ताव के तहत इस समाज के लोगों के लिए रहने के लिए घर, शिक्षा एवं नौकरियों में प्रावधान देने की सिफारिश की गई है। तृतीय पंथी समाज से जुड़े हुए लोग इसे सरकार का एक अच्छा कदम बता रहे हैं।
राज्य में जब महाविकास आघाडी की सरकार थी तो राज्य के प्रत्येक जिले में तृतीय पंथियों की समस्याओं के लिए जिला स्तर पर एक समिति गठित करने का फैसला लिया गया था। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब एक बार फिर शिंदे सरकार ने शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक प्रताप सरनाईक की पहल इस समाज के लोगों के हित के कार्यों की शुरुआत की है। वहीं सरकार ने सभी सरकारी फॉर्म में अब पुरुष, स्त्री के आलावा ट्रांसजेंडर के तीसरे कॉलम की शुरुआत कर दी है। राज्य सरकार तृतीय पंथियों के हक और संरक्षण के लिए पहले ही कल्याण मंडल की स्थापना कर चुकी है। हालांकि इस मंडल में अभी तक गैर सरकारी लोगों को शामिल करने पर कोई फैसला नहीं हुआ है।
जुलाई 2023 के आखिर तक राज्य में अभी तक 2 हजार 181 तृतीय पंथी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए रजिस्ट्रेशन कर पहचान पत्र हासिल कर चुके हैं। इसके आलावा राज्य सरकार इन्हें सस्ती दरों पर 252 घर उपलब्ध कराने की दिशा में आगे बढ़ रही है। जिन्हें चिखली (देव) में यह घर दिए जाएंगे। इसके आलावा राज्य सरकार के कौशल्य विकास विभाग के तहत उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। हमसफर ट्रस्ट की उर्मी जाधव का कहना है कि अगर सरकार हमारे लिए अच्छे कदम उठाती है तो उसका फायदा जरूर होगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि समय-समय पर राज्य सरकार तृतीय पंथी व्यक्तियों के स्वास्थ्य शिविर भी आयोजित करती रहती है। जिसके तहत पिछले साल राज्य भर में 3 हजार 275 तृतीय पंथियों ने स्वास्थ्य शिविर का लाभ लिया। इसके आलावा इनके नाम राशन कार्ड और मतदाता सूची में शामिल करने के लिए भी समय-समय पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता रहा है। साथ ही राज्य में इस समाज के लोगों के लिए अलग शौचालय की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। पिछले बजट में तृतीय पंथियों के कल्याण के लिए राज्य सरकार ने 15 करोड़ का प्रावधान किया है।
अब तृतीय पंथियों के लिए मॅट्रिमोनी हुआ लॉन्च
कुछ दिनों पहले तृतीय पंथी समुदाय की लंबे समय से चली आ रही जरूरत को पूरा करने के उद्देश्य से मॅट्रिमोनी रेनबो लव नामक एक मैच मेकिंग और रिलेशनशिप ऐप लॉन्च किया था। जिसके जरिए अब तृतीय पंथी भी अपने हमसफर को चुन रहे हैं। हमसफर ट्रस्ट की उर्मी जाधव का कहना है कि हमारे देश में तृतीयपंथी कानून अभी तक हमें शादी करने या फिर बच्चे को गोद लेने की इजाजत नहीं देता है। अगर हम शादी कर भी लेते हैं तो हमारी शादियां रजिस्टर नहीं हो पाती। यही कारण है कि हम सरकार से मांग करते हैं कि हमें भी पुरुष और महिलाओं की तरह समान नजरिए से देखा जाए।