मराठा आरक्षण: 10% आरक्षण लेने को तैयार लेकिन कुल आरक्षण के कोटे से मिले- जरांगे-पाटील
- एसआईटी जांच के आदेश के बाद रुख नरम
- अभी चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं
- जरांगे-पाटील का बयान
डिजिटल डेस्क, मुंबई. मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे-पाटील आखिरकार समझौता करने के लिए तैयार हो गए हैं। जरांगे-पाटील ने बीड में गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि वह राज्य सरकार द्वारा मराठाओं के लिए दिए गए 10 प्रतिशत आरक्षण को लेने के लिए तैयार हैं। इसके लिए उन्होंने एक शर्त भी रखी है। जरांगे-पाटील ने शर्त में कहा कि मराठाओं को दिया गया आरक्षण 50 प्रतिशत के आरक्षण कोटे से ही दिया जाए।
मराठा आरक्षण आंदोलन की एसआईटी जांच के आदेश के बाद जरांगे-पाटील के तेवर नरम पड़ते जा रहे हैं। बुधवार को उन्होंने राज्य में 3 मार्च तक होने वाले आंदोलनों को रद्द कर दिया था। इसके बाद उन्होंने अब राज्य सरकार द्वारा मराठा समाज को दिए गए 10 प्रतिशत आरक्षण के प्रति सकारात्मक रुख दिखाया है। जरांगे-पाटील पिछले काफी समय से कहते आए हैं कि उन्हें ओबीसी कोटे से ही आरक्षण चाहिए। क्योंकि उन्हें लगता है कि राज्य सरकार ने जो मराठा समाज को अलग से आरक्षण दिया है, वह अदालत में टिकने वाला नहीं है।
फडणवीस पर टिप्पणी, शिंदे पर विश्वास
जरांगे-पाटील ने उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस पर एक बार फिर निशाना साधते हुए कहा कि फडणवीस की योजना अभी तक सफल नहीं हुई है, लेकिन हमारा संघर्ष आज भी जारी है। उन्होंने कहा कि पिछले मानसून सत्र में हमारे आंदोलन की एसआईटी के जरिए जांच की मांग की गई थी, लेकिन उस समय फडणवीस ने कहा था कि एसआईटी गठित करने की कोई जरूरत नहीं है। तो फिर इस बजट सत्र में यह फैसला क्यों लिया गया कि आंदोलन की जांच एसआईटी के जरिए की जाए। उन्होंने कहा कि मुझे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर विश्वास है और उन्हीं से उम्मीद भी है।
चुनाव लड़ने में नहीं है कोई दिलचस्पी: जरांगे-पाटील
वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) ने महाविकास आघाडी से बुधवार को जरांगे-पाटील को आगामी लोकसभा चुनाव लड़ाने की मांग की थी। इस पर जरांगे-पाटील ने कहा कि वह वीबीए की भावनाओं का स्वागत करते हैं, लेकिन फिलहाल मैं मराठा आरक्षण के मुद्दे को छोड़ना नहीं चाहता हूं। उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने का उनका अभी कोई इरादा नहीं है।