दशहरा रैलियां: शिंदे की रैली के लिए एक दिन पहले ही हुआ रावण वध, शिंदे -उद्धव गुट फिर होंगे आमने-सामने

  • एक दिन पहले ही हुआ रावण वध
  • शिंदे -उद्धव गुट फिर होंगे आमने-सामने

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-23 15:39 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. मंगलवार को दशहरा के मौके पर शिवसेना के दोनों गुटों उद्धव और शिंदे गुट की रैलियां होने जा रही हैं। पिछले वर्ष एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना के दोनों गुट अलग-अलग सभा करते आ रहे हैं। इस बार ठाकरे गुट शिवाजी पार्क में दशहरा रैली का आयोजन कर रहा है जबकि शिंदे गुट की दशहरा रैली आजाद मैदान में होगी। वहीं भाजपा नेता पंकजा मुंडे बीड में दशहरा रैली के जरिए अपनी राजनीतिक ताकत दिखाएंगी जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत नागपुर में स्वंयसेवकों को संबोधित करेंगे। शिंदे की आजाद मैदान में होने वाली दशहरा रैली को लेकर विवाद हो गया है जिसमें आजाद मैदान में पहले से ही चल रही महाराष्ट्र रामलीला मंडल की रामलीला में सोमवार को ही एक दिन पहले रावण का वध कर दिया गया। मुंबई प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने मुख्यमंत्री शिंदे पर तानाशाही का आरोप लगाया है।

उद्धव गुट ने इस बार दशहरा रैली को लेकर पूरी ताकत झोंक दी है। खबर है कि इस दशहरा रैली के लिए राज्य भर से करीब एक लाख से भी ज्यादा शिवसैनिकों के शिवाजी पार्क पहुंचने की उम्मीद है। मंच पर शिवसेना के नेता, उपनेता और पदाधिकारियों को बैठने की व्यवस्था की गई है। जबकि मंच के सामने महिलाओं को बैठने के इंतजाम किए गए हैं। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दशहरा रैली का यह आयोजन काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस बार सभी की नजरें उद्धव ठाकरे भाषण पर टिकी हुईं हैं।

उधर आजाद मैदान में शिंदे गुट की दशहरा रैली की तैयारियां भी लगभग पूरी हो गई हैं। चुनाव आयोग द्वारा एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना पार्टी और चुनाव चिन्ह धनुष-वाण मिलने के बाद यह उनकी पहली दशहरा रैली है। शिंदे गुट के प्रवक्ता अरुण सावंत ने कहा कि इस दशहरा रैली में करीब 2 लाख लोगों के पहुंचने की उम्मीद है इसके लिए उसे तरह के ही इंतजाम किए गए हैं। अरुण सावंत ने कहा कि शिंदे गुट का आयोजन शिवाजी पार्क के आयोजन से बड़ा होगा। दूसरी ओर शिंदे की रैली के लिए आजाद मैदान में चल रही महाराष्ट्र रामलीला मंडल की रामलीला में सोमवार को ही एक दिन पहले रावण का वध कर दिया गया। जिससे विवाद हो गया है। वैसे मान्यताओं के अनुसार रावण का वध दशहरा के दिन किया जाता है और उसी दिन रावण को जला दिया जाता है लेकिन शिंदे गुट की दशहरा रैली के चलते एक दिन पहले ही राज्य सरकार ने रावण वध जबरन कराने का कांग्रेस ने आरोप लगाया है।

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