रेलवे बोर्ड जागा: लगातार हादसों के बाद गति शक्ति यूनिट से बाहर हुए रेलवे सेफ्टी से जुड़े अधिकारी

  • गति शक्ति यूनिट से बाहर हुए रेलवे सेफ्टी से जुड़े अधिकारी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-13 16:34 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई, सुजीत गुप्ता।  देश के विभिन्न हिस्सों में हो रही रेल दुर्घटनाओं से चिंतित रेलवे बोर्ड ने एक परिपत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि बुनियादी ढांचे के रखरखाव और ट्रेनों के संचालन से जुड़े मंडल कर्मचारी/अधिकारी अब गति शक्ति इकाइयों (जीएसयू) द्वारा किए जा रहे कार्यों में शामिल नहीं होंगे। इसके लिए एक विशेष यूनिट तैयार करने को कहा गया है। इस यूनिट के सेफ्टी से संबंधित सभी अधिकारियों को उनके पूर्व निर्धारित ट्रेनों के परिचालन और सेफ्टी से जुड़े कार्यों पर लक्ष्य केंद्रित करने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि भारतीय रेलवे के 70 डिविजन में से 68 डिविजन के पास गति शक्ति यूनिट हैं।

एक रेलवे अधिकारी ने बताया कि गति शक्ति यूनिट में अमृत भारत योजना के तहत स्टेशनों के नवीनीकरण, कार्गो टर्मिनलों के विकास, आर्थिक रेल गलियारे, नए निर्माण आदि के काम किये जाते हैं। जबकि रेलवे डिवीजन रेलवे परिसंपत्तियों के रखरखाव और ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए जिम्मेदार है। वरिष्ठ रेलवे अधिकारी अक्सर गति शक्ति परियोजनाओं पर काम करते हैं और अपना ज्यादातर समय जीएसयू से जुड़ी परियोजनाओं पर देते हैं। 22 अगस्त को रेलवे बोर्ड ने ‘डिवीजनों में गति शक्ति इकाइयों का पुनर्गठन' शीर्षक से एक परिपत्र जारी कर सीएओ/सी/सड़क सुरक्षा परियोजनाओं नामक एक नया पद बनाया है। इसके अनुसार अनिवार्य रूप से अब केवल रेलवे की निर्माण शाखा ही गति शक्ति परियोजनाओं के लिए जिम्मेदार होगी। अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को अपने मुख्य विभागों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मुक्त कर दिया जाएगा।

रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने ‘दैनिक भास्कर' को बताया कि जीएसयू को पुनर्गठित करने का निर्णय पिछले कुछ महीनों में रेल दुर्घटनाओं और पटरी से उतरने की घटनाओं के बाद उठाए गए कदमों में से एक है। इन दुर्घटनाओं के संभावित कारणों में ट्रैक, ट्रेन और उसके घटकों, सिग्नल सहित रेल संपत्तियों के रखरखाव की कमी शामिल है जिसकी आंतरिक जांच की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि जिन रेल दुर्घटनाओं में तोड़फोड़ की आशंका है, उन पर अलग से जांच चल रही है।

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