अयोग्यता मामला: राहुल नार्वेकर ने कहा - राकांपा विधायकों की अयोग्यता पर फैसला समय पर दूंगा

  • राकांपा का मामला शिवसेना जैसा उलझा हुआ नहीं
  • राहुल नार्वेकर का बयान
  • अयोग्यता पर फैसला समय पर दूंगा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-17 15:25 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई, सोमदत्त शर्मा। राकांपा विधायकों की अयोग्यता के मामले की सुनवाई शुरू हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को विधायकों की अयोग्यता के मामले में 31 जनवरी तक फैसला सुनाना है। नार्वेकर का मानना है कि शिवसेना विधायकों की अयोग्यता के मामले की तुलना में राकांपा का मामला ज्यादा उलझा हुआ नहीं दिख रहा है। इसलिए उनकी कोशिश समय पर फैसला सुनाने की है।

नार्वेकर का कहना है कि शिवसेना के मामले में विधायकों की अयोग्यता के साथ-साथ व्हिप पर भी फैसला करना था, लेकिन राकांपा में व्हिप को लेकर कोई याचिका ही दायर नहीं हुई है। शिवसेना विधायकों की अयोग्यता के मामले में जहां दसवीं और दूसरी अनुसूची 2(अ) और 2(ब) के तहत मामले की सुनवाई हुई थी जबकि राकांपा के मामले में दसवीं और दूसरी अनुसूची 2(अ) तहत ही सुनवाई की जाएगी।

राकांपा के मामले में खुद राकांपा अध्यक्ष शरद पवार भी कई बार बयान दे चुके हैं कि उनकी पार्टी में फूट का मामला नहीं है। दरअसल कुछ विधायकों ने अलग गुट बना लिया था और पार्टी से अलग हो गए थे। नार्वेकर का कहना है कि उनकी योजना समय पर फैसला सुनाने को लेकर है। अगले कुछ दिनों में दोनों ही गुटों के नेताओं को बुलाकर उनसे सवाल-जवाब किए जाएंगे।

शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा महा प्रेस कॉन्फ्रेंस में नार्वेकर पर लगाए आरोपों पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस देश में किसी पर भी आरोप लगाना बहुत आसान है। उन्होंने कहा कि उद्धव गुट ने न तो चुनाव आयोग में और न ही मेरे पास साल 1999 के बाद के कोई भी दस्तावेज दिए। जिसके चलते उन्होंने तथ्यों के आधार पर फैसला सुनाया। नार्वेकर ने कहा कि उद्धव गुट ने मंगलवार को एक राजनीतिक कार्यक्रम कर सिर्फ लोगों की वाहवाही लूटने की कोशिश की थी, लेकिन मैंने अपना पक्ष रखकर उनके इरादों पर पानी फेर दिया।

विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ बगैर हाईकोर्ट गए सीधे सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने पर नार्वेकर ने कहा कि मेरा उनसे सवाल है कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने भी मेरे फैसले पर सहमति जताई तो क्या वह सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ भी इस तरह की ही महा प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन करेंगे?

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