राहुल गांधी का निशाना - अडानी की कंपनी में आया 1 अरब डॉलर रुपया किसका

  • प्रेस कांफ्रेंस से पहले पवार से मिले राहुल
  • अडानी की कंपनी में आया 1 अरब डॉलर रुपया किसका

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-31 15:18 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अडानी समूह पर एक बार फिर से निशाना साधा है। मुंबई में "इंडिया' की बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे राहुल गांधी ने अखबारों में प्रकाशित कुछ रिपोर्ट के जरिए अदानी समूह पर आरोप लगाए। राहुल ने अडानी पर लगाए आरोपों की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग एक बार फिर दोहराई। राहुल गांधी ने कहा कि दिल्ली में जी-20 की बैठक से पहले ये मामला सामने आने के बाद से देश की प्रतिष्ठा पर सवाल खड़ा हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले की जांच कर देश को बताएं कि देश में भेजा गया एक अरब डॉलर किसका पैसा है।

राहुल गांधी ने संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग परियोजना (ओसीसीआरपी) की रिपोर्ट पर अदानी समूह और गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा यह एक सज्जन (गौतम अडाणी) जो भारत के प्रधानमंत्री के करीबी हैं, उन्हें अपनी कंपनी के शेयर की कीमत बढ़ाने के लिए एक अरब डॉलर स्थानांतरित करने और उस पैसे का भारतीय संपत्तियों पर कब्जा करने के लिए उपयोग करने की क्यों अनुमति दी गई है? उन्हें मुफ्त यात्रा क्यों करने दी जा रही है?’’ राहुल गांधी ने सवाल किया कि ये पैसा किसका है? ये अडाणी जी का पैसा है या किसी और का पैसा है? अगर किसी और का है तो किसका है?’’ उन्होंने दावा किया कि इस पूरे काम में मास्टरमाइंड विनोद अडाणी है जो गौतम अडाणी के भाई हैं। इसमें दो और लोग- नासिर अली शाबान अली और चीनी नागरिक चैंग-चुंग लिंग शामिल हैं। अडाणी जी, जब देश के बंदरगाह व एयरपोर्ट खरीद कर रहे हैं और रक्षा क्षेत्र मंप काम करते हैं तो इन सब में चीनी नागरिक चैंग-चुंग लिंग कैसे शामिल है? ये राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल है।

उन्होंने दावा किया कि सेबी की जांच में अडाणी समूह को क्लीनचिट दे दी गई और ऐसा करने वाले व्यक्ति फिर अडाणी समूह के ही कर्मचारी बन गए। राहुल गांधी ने कहा, ‘‘अब सवाल है कि इसके बारे में प्रधानमंत्री चुप क्योंम हैं? कुछ करते क्योंी नहीं? सीबीआई, ईडी जैसी एजेंसियां अडाणी जी की जांच क्यों नहीं कर रही हैं?’’ रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडानी के भाई विनोद अडानी ने दो विदेशी नागरिकों के साथ अडानी की कंपनी में एक बिलियन डॉलर का निवेश किया था। राहुल ने सवाल उठाते हुए कहा कि दो विदेशी नागरिकों को भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने की मंजूरी किसने दी थी? उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी सेबी को दी गई और जांच भी हुई लेकिन जांच में कुछ सामने नहीं आया। राहुल ने कहा कि सेबी ने जिस व्यक्ति को क्लीनचिट दी थी उसे अडानी ने अपने समाचार चैनल में निदेशक के तौर पर नियुक्त किया।

राहुल ने गौतम अडानी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि जिस पैसे का इस्तेमाल शेयर बाजार में विदेश से लाकर किया गया था उस पैसे का इस्तेमाल अडानी समूह ने भारत के बंदरगाहों और हवाई अड्डों को खरीदने में किया। उन्होंने कहा कि अडानी का मुद्दा आते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असहज हो जाते हैं। राहुल ने कहा कि ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अडानी पर लगे आरोपों की जांच प्रधानमंत्री जेपीसी से कराने की रजामंदी क्यों नहीं दे रहे हैं?

अडानी पर प्रेस कांफ्रेंस करने से पहले राहुल ने शरद पवार से की मुलाकात

अडानी समूह को लेकर प्रेस कांफ्रेंस करने से पहले राहुल गांधी ने राकांपा प्रमुख शरद पवार से करीब 45 मिनट तक बातचीत की। हालांकि यह सामने नहीं आ पाया है कि दोनों की मुलाकात किस मुद्दे को लेकर हुई। बता दें कि गौतम अडानी के शरद पवार से मधुर रिश्ते हैं। पवार अदानी पर जेपीसी की मांग पर पहले ही अलग राय रख चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि "इंडिया' की बैठक के दौरान अडानी का मुद्दा उठाने से विपक्ष के कुछ दलों के भी नाराज होने की खबर है। कुछ दल चाहते थे कि "इंडिया' की इस बैठक के दौरान अडानी का मुद्दा न उठाया जाए, क्योंकि इससे विपक्षी गठबंधन की बैठक का रुख बदल सकता है। राहुल गांधी से जब इस बारे में राकांपा प्रमुख शरद पवार की अलग राय के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के भीतर जेपीसी को लेकर कोई मतभेद नहीं हैं, क्योंकि यह राष्ट्रीय मुद्दा है। हालांकि अडानी समूह ने समाचार पत्रों द्वारा जारी की गई रिपोर्ट का खंडन किया है।

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