मंत्रिमंडल: बच्चों के आगे माता का नाम लगाना 1 मई से होगा अनिवार्य, फैसले को दी मंजूरी
- विवाहित महिलाओं के लिए मौजूदा प्रक्रिया लागू रहेगी
- अजित पवार ने बोर्ड पर लिखा मां का नाम
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में सरकारी दस्तावेजों में अब का नाम लिखना अनिवार्य होगा। सरकारी दस्तावेजों में माता का नाम अब अलग कॉलम में नहीं दर्शाया जाएगा। इसके बजाय बच्चों के नाम के आगे माता का नाम, फिर पिता का नाम और सरनेम लिखना अनिवार्य होगा। सोमवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई। इससे 1 मई 2024 अथवा उससे बाद जन्म लेने वाले सभी बच्चों के नाम का पंजीयन बच्चे के नाम, माता का नाम, पिता का नाम और सरनेम ऐसे होगा। सभी शैक्षणिक दस्तावेज, राजस्व दस्तावेज, वेतन स्लीप, सेवापुस्तक, विभिन्न परीक्षाओं के आवेदन समेत अन्य सरकारी दस्तावेजों में बच्चों के नाम के आगे माता का नाम लिखना होगा। राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने जन्म-मृत्यू पंजीयन डायरी के लिए आवश्यक सुधार करके केंद्र सरकार से विचारविनिमय करना होगा। केंद्र सरकार से आदेश प्राप्त होने के बाद जन्म/मृत्यु पंजीयन डायरी में बच्चों के नाम के बाद माता, पिता और सरनेम लिखाने को मान्यता दी जाएगी।
विवाहित महिलाओं के लिए मौजूदा प्रक्रिया लागू रहेगी
विवाहित महिलाओं को लेकर मौजूदा पद्धति लागू रहेगी। यानी लड़की के विवाह के बाद उसके पति का नाम व सरनेम ऐसे स्वरूप में पंजीयन प्रक्रिया शुरू रहेगी। साथ ही लड़की के विवाह पूर्व उसके नाम की संपत्ति के दस्तावेज में पंजीयन की छूट देने को मान्यता दी गई है। अनाथ बच्चों के जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र में माता के नाम के पंजीयन से छूट दी जाएगी। राज्य की महिला व बाल विकास मंत्री अदिती तटकरे ने बताया कि बच्चों के नाम के आगे माता का नाम लगाने संबंधी फैसला 1 मई 2024 से लागू होगा। अदिती ने कहा कि हम हमेशा कहते हैं कि महिलाओं को पुरुषों के जितना सम्मान मिलना चाहिए। यदि हम नई पीढ़ी से इसकी शुरुआत करेंगे तो बच्चों को बचपन से इसकी सीख मिलेगी। इससे भविष्य में इस तरह की नीतियां बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
अजित पवार ने बोर्ड पर लिखा मां का नाम
राज्य मंत्रिमंडल के फैसले के तत्काल बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मंत्रालय के छठवीं मंजिल पर स्थित अपने कार्यालय के नाम का बोर्ड बदल दिया है। जिसमें लिखा है- अजित आशाताई अनंतराव पवार।