पीएम आवास योजना (शहरी) को गति देने परियोजना प्रबंधन यूनिट स्थापित होगा
- पीएम आवास योजना (शहरी)
- परियोजना प्रबंधन यूनिट स्थापित होगा
- राज्य में साल 2015 से लागू है योजना
- सरकार ने माना, अपेक्षा के अनुरूप योजना की नहीं मिल पाई है प्रगति
डिजिटल डेस्क, मुंबई. प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत आर्थिक रूप से कमजोर समूहों को घर उपलब्ध कराने में हो रही देरी के चलते अब प्रदेश स्तर पर परियोजना प्रबंधन यूनिट (पीएमयू) स्थापित किया जाएगा। पीएमयू के जरिए प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) को प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा। अभी तक इसको प्रभावी रूप से लागू करने की जिम्मेदारी महाराष्ट्र गृहनिर्माण और क्षेत्रविकास मंडल (म्हाडा) के पास थी। लेकिन योजना को लागू करने की सुस्त गति के चलते सरकार ने म्हाडा के बजाय अब अलग से पीएमयू स्थापित करने के फैसला लिया है। इससे माना जा रहा है कि सरकार ने म्हाडा के पर कतर दिए हैं। प्रदेश सरकार के गृहनिर्माण विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी किया है। इसके मुताबिक, पीएमयू का कार्यालय मुंबई के नरीमन पॉइंट स्थित साखर भवन में होगा। महाहाउसिंग महामंडल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा प्रबंध निदेशक पीएमयू का काम-काज देखेंगे। पीएमयू राज्य की गृहनिर्माण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वल्सा नायर सिंह के सीधे नियंत्रण में कार्यरत होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) भागीदारी में किफायती आवास (एएसपी), लाभार्थी आधारित निर्माण (बीएलसी) और इन-सीटू स्लम पुनर्विकास (आईएसएसआर) तीन घटकों में लागू की जाती है। इन तीनों घटकों की परियोजनाओं पर पीएमयू काम करेगा। राज्य स्तरीय मूल्यांकन समिति (एसएलएसी)और राज्य स्तरीय मान्यता व निगरानी समिति (एसएलएसएमसी) के पास पेश किए जाने वाले सभी प्रस्तावों पर पीएमयू की निगरानी रहेगी। पीएमयू में प्रबंधन जानकारी प्रणाली (एमआईएस), निधि कक्ष और तकनीकी कक्ष, विपणन कक्ष भी बनाए जाएंगे। इन सभी कक्षों की अलग-अलग जिम्मेदारी तय की गई है।
क्यों पड़ी पीएमयू की जरूरत
इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर समूहों के लिए अनुदान पात्र घरों की संख्या 6 लाख 35 हजार 41 है। सरकार का कहना है कि तीनों घटकों में योजना की प्रगति अपेक्षा से कम हुई है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के व्यक्तियों को घर देने में देरी हो रही है। इसके मद्देनजर पीएमयू स्थापित करने को मंजूरी दी गई है।