निशाना: शरद पवार की सलाह पर राज्य में लगा था राष्ट्रपति शासन- फडणवीस

  • चार साल बाद गड़े मुर्दे उखाड़ने की जरुरत नही- महेश तपासे
  • शरद पवार की सलाह पर राज्य में लगा था राष्ट्रपति शासन

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-04 15:31 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को लेकर बड़ा दावा किया है। फडणवीस ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि साल 2019 में जब उद्धव ठाकरे ने भाजपा के साथ सरकार बनाने से इंकार कर दिया था तो शरद पवार ने भाजपा के साथ सरकार बनाने की पहल की थी। फडणवीस ने कहा कि इतना ही नहीं राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का आइडिया शरद पवार का ही था। फडणवीस ने कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद जब उद्धव ठाकरे ने भाजपा के साथ सरकार बनाने से इंकार करते हुए कांग्रेस और राकांपा से बातचीत शुरू कर दी थी। इस दौरान राकांपा के एक धड़ ने फडणवीस से मुलाकात की और कहा कि तीन दलों की सरकार बनाने से अच्छा है कि वह भाजपा के साथ सरकार बनाए। इसके बाद शरद पवार ने खुद भाजपा के साथ सरकार बनाने की पहल की थी। इसके बाद शरद पवार और फडणवीस की मुलाकात भी हुई और सरकार बनाने पर चर्चा हुई। फडणवीस ने खुलासा करते हुए कहा कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ही थे जिन्होंने 2019 में राष्ट्रपति शासन का सुझाव दिया था। राष्ट्रपति शासन लगाने की रणनीति के पीछे की वजह पर फडणवीस ने कहा कि क्योंकि उनकी शिवसेना और कांग्रेस से बातचीत चल रही थी लिहाजा वह इतनी जल्दी यूटर्न नहीं लेना चाहते थे। यही कारण है कि पवार ने राज्य में पहले राष्ट्रपति शासन लगाने का सुझाव दिया।

फडणवीस ने कहा कि राष्ट्रपति शासन लगाने से पहले प्रत्येक राजनीतिक दल से सरकार बनाने के बारे में पूछा जाता है। इस लिए सरकार बनाने के लिए राकांपा से भी पूछा गया था। पवार ने राज्यपाल को जो पत्र भेजा था वह मेरे बंगले पर ही तैयार किया गया था। फडणवीस ने बताया कि उस पत्र में शरद पवार ने कुछ संशोधन किया था। संशोधन के बाद उसे राज्यपाल को भेजा गया था। इसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति शासन लगाने की मंजूरी दी थी। फडणवीस ने कहा कि शिवसेना शिंदे हमारे स्वाभाविक सहयोगी हैं जबकि अजित पवार राजनीतिक सहयोगी है। हम महाराष्ट्र में आगामी लोकसभा चुनाव में 40 से अधिक सीटें जीतेंगे।

शरद पवार के जाल में फस गए थे फडणवीसः तपासे

राकांपा (शरद) मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने फडणवीस के बयान पर कहा कि यह जब जग जाहिर हो गया है कि अजित पवार ने शरद पवार की मर्जी के बगैर भाजपा के साथ जाकर सरकार बनाई थी तो ऐसे में फडणवीस इस तरह की बातें बताकर सिर्फ मीडिया का ध्यान भटकाना चाहते हैं। चार साल बाद इस तरह गड़े मुर्दे उखाड़ने की जरुरत नहीं है। जबकि सच्चाई यह है कि उस वक्त देवेंद्र फडणवीस राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के जाल में फंस गए थे।

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