मुंबई: पुरानी पेंशन पर अधिवेशन में सकारात्मक फैसला लेंगे, रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल भी टली
- सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना लागू करने के बारे में आगामी बजट अधिवेशन में सकारात्मक फैसला होगा
- उपमुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल टली
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना लागू करने के बारे में आगामी बजट अधिवेशन में सकारात्मक फैसला लिया जाएगा। बुधवार को बांद्रा में मुख्यमंत्री ने राजपत्रित अधिकारी महासंघ के 38 वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया। इस मौके पर कोंकण के विभागीय आयुक्त महेंद्र कल्याणकर, मुंबई उपनगर के जिल्हाधिकारी राजेंद्र क्षीरसागर, अधिकारी महासंघ के मुख्य सलाहकार जी डी कुलथे समेत संगठन के सदस्य और पदाधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को लेकर अधिवेशन में सकारात्मक फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार अधिकारी महासंघ के कल्याण केंद्र के लिए पर्याप्त निधि भी उपलब्ध कराएगी।
उपमुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल टली
अपनी प्रलंबित मांगों को लेकर बुधवार से हड़ताल पर जाने की घोषणा करने वाले मार्ड के डॉक्टरों की हड़ताल टल गई है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ रेजिडेंट डॉक्टरों की बैठक हुई। अजित पवार ने डॉक्टरों की मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है। डॉक्टरों के हड़ताल पर न जाने के निर्णय से प्रशासन और मरीजों ने राहत की सांस ली है।मार्ड के अध्यक्ष डॉ. अभिजीत हेलगे ने बताया कि मार्ड (महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स) ने बुधवार शाम 5 बजे से हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी। लेकिन इसके पहले मार्ड के सदस्यों ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार से भेंट की। डॉ. अभिजीत ने बताया कि इस बैठक में डिप्टी सीएम ने स्टाइपेंड में 10 हजार रूपए की बढ़ोतरी, हर माह 10 तारीख को स्टाइपेंड देने और हॉस्टल की संख्या बढ़ाने के अलावा उसकी मरम्मत करने की हामी भरी है। उपमुख्यमंत्री के निर्देश पर डायरेक्टरेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च ने लिखित में हमारी मांगों को पूर्ण करने का आश्वासन दिया है। लेकिन अगले 10 दिनों में हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो हमारे पास हड़ताल पर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।
स्वयं की तर्ज पर महास्वयं प्लेटफॉर्म विकसित करने पर विचार-चंद्रकांत पाटील
केंद्र सरकार के शिक्षा विभाग के स्वयं पोर्टल की तर्ज पर राज्य में नई शिक्षा नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए महास्वयंम प्लेटफॉर्म बनाने पर विचार किया जा रहा है। राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष जगदीश कुमार के साथ चर्चा के बाद यह बात कही। मुलाकात के दौरान राज्य में शैक्षणिक सुविधाओं उच्च व तकनीकी शिक्षा में नई नीतियों के कार्यान्वयन पर भी बातचीत की गई। इस दौरान जगदीश कुमार ने कहा कि अनुदान आयोग महास्वयं परियोजना और दूसरी अनुसंधान परियोजनाओं के लिए केंद्र से धन प्राप्त करने में सहायता करेगा। बैठक के दौरान नई शिक्षा नीति पर प्रभावी अमल के लिए राज्य के महाविद्यालयों में शिक्षकों के 75 फीसदी खाली पदों पर भर्ती को लेकर भी चर्चा हुई। एम फिल विद्यार्थियों को नेट/सेट से छूट के मामले में कुमार ने कहा कि अभी पूरी छूट नहीं दी गई है और संबंधित शिक्षकों को विश्वविद्यालयों के माध्यम से यूजीसी के पास एक संशोधन प्रस्ताव भेजना चाहिए। विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए यूजीसी ने 1 जुलाई 2021 से पीएचडी की डिग्री अनिवार्य कर दी है जिसमें मांग के बाद 1 जुलाई 2023 तक बढ़ा दिया गया था। जगदीश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के लिए नेट/सेट या पीएचडी की अनिवार्यता बनी रहेगी।