सूबे की सियसत: लोकसभा चुनाव से बदलेगी विधानसभा चुनाव की तस्वीर, बड़े भाई की भूमिका में कांग्रेस
- विधानसभा चुनाव में 150 सीटों पर पार्टी का दावा
- छोटे भाई से बड़े भाई की भूमिका में कांग्रेस
- महा आघाड़ी के तीनों दलों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी
डिजिटल डेस्क, मुंबई, विजय सिंह "कौशिक’। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के पांच महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव परिणाम ने राज्य की राजनीति की तस्वीर बदल दी है। लोकसभा चुनाव के पहले सीट बंटवारे के वक्त शिवसेना (उद्धव) बड़े भाई की भूमिका में थी। सीट बंटवारे में उद्धव गुट ने कांग्रेस को खूब दबाया पर अब परिस्थिति बदल चुकी है। लोकसभा चुनाव में 17 सीट पर चुनाव लड़ कर 13 सीटों पर जीत हासिल करने वाली कांग्रेस अब विधानसभा की 288 सीटो में 150 सीट पर दावा कर रही है।
इस लोकसभा चुनाव में महा आघाड़ी के तीनों दलों कांग्रेस, राकांपा (शरद) और शिवसेना (उद्धव) में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है। हालांकि इस चुनाव में शरद पवार की पार्टी का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है। 10 सीट पर चुनाव लड़ शरद पवार की पार्टी ने 8 सीट जीती है। महा आघाड़ी के तीनों दलों में उद्धव फिसड्डी साबित हुए हैं। आघाड़ी में सबसे ज्यादा 21 सीटो पर चुनाव लड़ने वाले उद्धव ठाकरे की पार्टी 9 सीट ही जीत सकी है। भारी जीत से उत्साहित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है की कांग्रेस विधानसभा की 150 सीटो पर चुनाव लड़ेगी।पार्टी नेताओं को लगता है कि लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद अब वे विधानसभा चुनाव के सीट बंटवारे में "दंबगई' कर सकते हैं।
लोकसभा सीट बटवारे में चली थी उद्धव की "दादागिरी’
लोकसभा चुनाव के लिए सीट बटवारे के वक्त उद्धव गुट के नेताओं ने कांग्रेस को खूब दबाने की कोशिश की। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार "सीट बटवारा के लिए होने वाले बैठकों में शिवसेना (उद्धव) के नेता कांग्रेस को दबाने के लिए 2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम से ही बात शुरू करते थे।' बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को महाराष्ट्र में सिर्फ एक सीट (चंद्रपुर) मिली थी। जबकि शिवसेना (अविभाजित) ने भाजपा के साथ मिलकर 18 सीट जीती थी। वरिष्ठ नेता ने "दैनिक भास्कर' से चर्चा में कहा की उस वक्त हम निरुत्तर हो जाते थे। इसकी वजह से उद्धव गुट ने मनमानी करते हुए सांगली सीट पर अपना उम्मीदवार उतार दिया।
उद्धव की वजह से 99 के फेर में कांग्रेस
"निन्यानवे के फेर में पड़ना' पुरानी कहावत है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 99 सीट मिली है। इसके लिए कांग्रेस के लोग उद्धव ठाकरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। सांगली से टिकट के दावेदार कांग्रेस नेता विशाल पाटिल निर्दलीय चुनाव जीत गए हैं। कांग्रेस नेताओं की लाख कोशिशों के बावजूद उद्धव गुट यह सीट कांग्रेस के लिए छोड़ने को तैयार नहीं हुआ और यहां से अपना उम्मीदवार उतार दिया। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसंतदादा पाटील के पौत्र विशाल पाटील निदर्लीय उम्मीदवार के तौर पर इस सीट से चुनाव लड़े और सांसद चुने गए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पटोले के मुताबिक विशाल पाटिल फिर से कांग्रेस के साथ आने को तैयार हैं। कांग्रेस नेताओं को इस बात का मलाल है की उद्धव ठाकरे ने सांगली सीट को लेकर जिद न की होती तो आज महाराष्ट्र में कांग्रेस की 14 और पार्टी की कुल सीट 99 की बजाय 100 होती। नियमों के अनुसार विशाल पाटिल भले ही कांग्रेस के साथ आ जाए पर वे आधिकारिक तौर पर कांग्रेस सांसद नहीं हो सकते। संसद में उनकी गिनती निर्दलीय सांसद के तौर पर ही होगी।
पार्टी लड़े जीते स्ट्राइक रेट
कांग्रेस 17 13 76.47 %
शिवसेना (उद्धव) 21 09 42.85 %
राकांपा (शरद) 10 08 80 %