बॉम्बे हाईकोर्ट: कोल्हापुर के राजाराम कॉलेज के छात्रावास की 6 महिला कर्मचारियों की याचिका खारिज
- औद्योगिक अदालत द्वारा स्थाई करने के आवेदन को खारिज किया था
- 6 महिला कर्मचारियों ने खटखटाया था हाईकोर्ट का दरवाजा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा कोल्हापुर में अल्पसंख्यक समुदाय की छात्राओं के लिए खोले गए राजाराम कॉलेज के अल्पसंख्यक महिला छात्रावास में अस्थाई रूप से कार्यरत 6 महिला कर्मचारियों की याचिका खारिज कर दी। महिला कर्मचारियों ने याचिका में औद्योगिक अदालत द्वारा स्थाई करने के आवेदन को खारिज करने के फैसले को चुनौती दी थी।
न्यायमूर्ति संदीप वी. मार्ने की एकलपीठ के समक्ष रोमा रमेश कांबले समेत 6 महिला कर्मचारियों की ओर से वरिष्ठ वकील सतीश तलेकर और वकील माधवी अयप्पन की ओर से दायर याचिका सुनवाई हुई। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को स्थायित्व करने के आवेदन को खारिज करने के औद्योगिक न्यायालय द्वारा पारित आदेश में कोई त्रुटि नहीं है।
उनकी नियुक्तियों के अभाव में स्थायित्व करने का कोई मामला नहीं बनाता है। जहां तक कि औद्योगिक और श्रम न्यायालयों का संबंध है। उन्हें धारा 30(1) के तहत व्यापक शक्तियां प्राप्त हैं।
याचिका में दावा किया गया था कि कोल्हापुर के राजाराम शासकीय महाविद्यालय के अल्पसंख्यक महिला छात्रावास में 6 महिला कर्मचारी अस्थाई रूप से कार्यरत थी। जब उन्होंने स्थाई करने की मांग की, तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। सरकारी जमीन पर बने अल्पसंख्यक महिला छात्रावास में कार्यरत महिला कर्मचारियों को निकाला जाना गलत है।
महिला कर्मचारियों ने निकाले जाने के खिलाफ कोल्हापुर के औद्योगिक न्यायालय में शिकायत की थी। 13 अक्टूबर को कोल्हापुर के औद्योगिक न्यायालय ने उनकी अर्जी को खारिज कर दिया, लेकिन कालेज को नौकरी समाप्त न करने और शिकायतकर्ताओं की सेवाओं को लेकर कानूनी प्रक्रिया का पालन करने का निर्देश दिया था।
इसके बाद महिला कर्मचारियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर किया था।