निशाना: मुजरा शब्द के इस्तेमाल पर बोले पवार, पीएम को इस तरह की भाषा शोभा नहीं देती
- विपक्ष के लिए "मुजरा' शब्द के इस्तेमाल पर राकांपा (शरद) ने की आलोचना
- धीरज शर्मा ने भी शरद पवार का साथ छोड़ा
डिजिटल डेस्क, मुंबई. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने शनिवार को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ पर अपने वोट बैंक के लिए ‘मुजरा’ करने का आरोप लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना की और पूछा कि क्या उन्हें इस तरह का बयान देना शोभा देता है। बिहार में चुनाव प्रचार रैलियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘बिहार वह भूमि है जिसने सामाजिक न्याय की लड़ाई को एक नयी दिशा दी है। मैं इस प्रदेश की भूमि पर यह घोषणा करना चाहता हूं कि मैं एससी, एसटी और ओबीसी के अधिकारों को लूटने और उन्हें मुसलमानों को देने की ‘इंडिया’ गठबंधन की योजनाओं को विफल कर दूंगा। वे गुलाम बने रह सकते हैं और अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए ‘मुजरा’ कर सकते हैं।’ राकांपा (एसपी) के नेता क्लाइड क्रैस्टो ने सोशल मीडिया पर उनकी पिछली टिप्पणियों का जिक्र करते हुए पूछा कि प्रधानमंत्री को ‘एम’ अक्षर से शुरू होने वाले शब्दों के प्रति इतना आकर्षण क्यों है। क्रैस्टो ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि ‘एम’ अक्षर से यह कैसा आकर्षण? मुसलमान, मछली, मंगलसूत्र, मटन... अब ‘मुजरा’। क्या भारत के प्रधानमंत्री को इस तरह की बातें करना शोभा देता है।
धीरज शर्मा ने भी शरद पवार का साथ छोड़ा
राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस (शरद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष धीरज शर्मा ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। शनिवार को उन्होंने एक्स पर अपने इस्तीफे का एलान किया। शर्मा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मै धीरज शर्मा एनसीपी (एसपी) द्वारा मुझे दिए गए सभी पदों से खुद को कार्यमुक्त करता हूं। राकांपा में अजित पवार की बगावत और पार्टी में विभाजन के बाद भी शर्मा शरद पवार के साथ बने हुए थे पर लोकसभा चुनाव के 6 चरण बीतने का बाद उन्होंने सभी पदों से इस्तीफा दिया है।