मिलेगी राहत: दवाई का टोटा, डॉक्टरों की कमी, कर्मचारियों के अभाव की समस्या होगी दूर

नए साल में जिला-ग्रामीण अस्पतालों में मरीजों को मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-11 13:24 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के जिला-ग्रामीण अस्पतालों में दवाइयों का टोटा, डॉक्टरों की कमी, नर्सेस, टेक्नीशियन आदि कर्मचारियों की कमी की शिकायत अब दूर होने जा रही है। इस समस्या का निराकरण इस वर्ष के दिसंबर अंत तक होने जा रहा है। इसके चलते अस्पतालों में मरीजों को आनेवाले नए वर्ष में दवाई से लेकर डॉक्टर आदि सभी सुविधाएं अस्पताल में मिलने लगेगी।

राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत 350 ग्रामीण और 19 जिला अस्पताल आते है। इन अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य सेवा निदेशालय विभाग की है। इन 350 अस्पतालों में जहां करीब 10 हजार बेड है वहीं जिला अस्पतालों में इसकी संख्या इससे अधिक है। इन अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी से लेकर नर्सेस, टेक्नीशियन आदि कर्मचारियों की कमी तो वर्षों से बनी थी साथ ही मरीजों को दवाई के टोटे आदि खून जांच के लिए बाहर ही जाना पड़ता था। नांदेड़ हादसे के बाद से ही स्वास्थ्य सेवा निदेशालय विभाग ग्रामीण और जिला अस्पतालों की कमियों को दूर कर उसे सक्षम बनाने में जुटा है। इसी के तहत शुरुआत में ग्रामीण अस्पतालों में मेडिसिन और सर्जन की नियुक्ति की गई। अब अन्य सुविधाओं पर जोर दिया जा रहा है।

1950 डॉक्टर की होगी बहाली

स्वास्थ्य सेवा आयुक्त धीरज कुमार ने बताया कि इस वर्ष के अंत में जिला व ग्रामीण अस्पताल को 1950 नए डॉक्टर मिलनेवाले है। इसमें से 1700 डॉक्टरों की नई नियुक्ति की जाएगी जबकि 250 मेडिकल अफसर की पदोन्नति कर उन्हें स्पेशलिस्ट डॉक्टर के रूप में बहाल किया जाएगा। इसके लिए एमपीएससी से अनुमति भी ली गई है।

11000 कर्मचारियों की होगी नियुक्ति

जिला व ग्रामीण अस्पतालों में नर्सेस, टेक्नीशियन, सफाईकर्मी आदि रिक्त पदों पर कर्मचारियों की भर्ती के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आए है। इन आवेदनकर्ताओं के परीक्षा की प्रक्रिया इस महीने में पूरी हो जाएगी। परीक्षा में सफल होनेवाले आवेदन कर्ताओं की नियुक्ति की प्रक्रिया दिसंबर तक पूरी कर ली जाएगी जिससे नए वर्ष में अस्पताल में कर्मचारियों की कमी की समस्या दूर हो जाएगी

दवाई खरीदने के लिए भी बढ़े कदम

दवाई की खरीदफरोख्त के लिए राज्य सरकार ने एक स्वतंत्र प्राधिकरण बनाया है। इस प्राधिकरण की ओर से दवाई खरीद के लिए शेड्यूल बनाए जा रहे है। इसके बाद निविदा जारी की जाएगी। दवाई खरीद की प्रक्रिया दिसंबर तक पूरी हो जाएगी। इसके चलते अस्पतालों में मरीजों को नियमित रूप से दवाई मिल पाएगी।

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