विधान परिषद: विपक्ष के नेता अंबादास दानवे पांच दिन के लिए निलंबित, गाली-गलौज करने का मामला

  • दिन भर में तीन बार सदन स्थगित होने के बाद हुआ निलंबन
  • अंबादास दानवे पांच दिन के लिए निलंबित
  • उच्च सदन में गाली-गलौज करने का मामला

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-02 15:44 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई. विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे को सदन में भाजपा सदस्य प्रसाद लाड से गाली-गलौज करने के मामले में पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है।इस निलंबन की अवधि में दानवे विधानमंडल में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। संभवतः महाराष्ट्र विधान परिषद के इतिहास की पहली घटना है, जब विपक्ष के नेता ही निलंबित हो गए हैं। मंगलवार को सदन में राज्य के संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटील ने दानवे के निलंबन का प्रस्ताव पेश किया। पाटील ने कहा कि दानवे ने सदन में अपशब्दों का इस्तेमाल करके अशोभनीय बर्ताव किया है। इस प्रस्ताव को बहुमत से मंजूर किया गया। जिसके बाद उपसभापति नीलम गोर्हे ने दानवे के निलंबन की घोषणा की। इस दौरान विपक्ष ने दानवे को निलंबन प्रस्ताव पर अपना पक्ष रखने के लिए बोलने की अनुमति मांगी। लेकिन उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पहले कभी निलंबन प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हुई है। इसलिए सदन में गलत परंपरा शुरू नहीं होना चाहिए। इससे नाराज शिवसेना (उद्धव) के सदस्य अनिल परब, कांग्रेस सदस्य भाई जगताप समेत विपक्ष दलों के सदस्य वेल में आ गए और सदन से वॉक आउट किया। इससे पहले मंगलवार को सुबह 11 बजेसदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा सदस्य प्रवीण दरेकर ने दानवे को निलंबित करने की मांग की। इसी दौरान सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्य हंगामा करने लगे। इससे सदन की कार्यवाही एक-एक घंटे के लिए तीन बार स्थगित हुई। इसके बाद आखिरी में दानवे को निलंबित कर दिया गया। उपसभापति ने कहा कि मैं महिला हूं। एक महिला उपसभापति के सामने विपक्ष के नेता इस तरह से अपशब्दों का इस्तेमाल करेंगे तो आगे चलकर महिला जिला परिषद अध्यक्ष और महिला महापौर के सामने पुरुषसदस्य इसी तरह के भाषा का इस्तेमाल करेंगे। ऐसे में महिलाओं को काम करना मुश्किल हो जाएगा। इससे पहले सोमवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के हिंदुओं को लेकर की गई टिप्पणी के मुद्दे पर दानवे और लाड गाली-गलौज पर उतर आए थे।

मैं माताओं और बहनों से माफी मांगता हूं-उद्धव

उद्धव ठाकरे,शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख तथा पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं अंबादास दानवे के गाली-गलौज के लिए शिवसेना (उद्धव) के पक्ष प्रमुख के नाते महाराष्ट्र की मताओं और बहनों से माफी मांगता हूं। हमें माताओं और बहनों के प्रति आदर है। लेकिन लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान चंद्रपुर सीट से भाजपा उम्मीदवार रहे तथा राज्य के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार द्वारा बहन-भाई के रिश्ते के बारे में की गई अभद्र टिप्पणी के बारे में कौन माफी मांगेगा? मुनगंटीवार ने तो चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मौजूदगी में यह टिप्पणी की थी। चुनाव में जनता ने मुनगंटीवार को निलंबित कर दिया है। अबमुनगंटीवार को भी विधान सभा के सदन से निलंबित किया जाएगा क्या?

अनंत कलसे, महाराष्ट्र विधानमंडल के पूर्व प्रधान सचिव ने कहा कि राज्य में 1980 में विधान परिषद में विपक्ष के नेता पद को मान्यता मिली है। मुझे पिछले 45 साल में विधान परिषद के विपक्ष के नेता को निलंबित किये जाने की कोई घटना याद नहीं आ रही है। यह पहली बार हुआ है जब विपक्ष के नेता को निलंबित किया गया है।


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