उत्पादन होगा कम!: प्याज निर्यात से 31 मार्च तक जारी रहेगी रोक- किसानों के हाथ फिर लगी निराशा
- प्याज के निर्यात पर पाबंदी नहीं हटी है
- पाबंदी नहीं 31 मार्च तक जारी रहेगी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. प्याज के निर्यात पर से पाबंदी हटाए जाने को लेकर आई खबरों के बाद मंगलवार को सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्याज के निर्यात पर पाबंदी नहीं हटी है और यह 31 मार्च तक जारी रहेगी। सरकार के इस खुलासे से प्याज उत्पादक किसानों के हाथ निराशा लगी है। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा है कि प्याज निर्यात पर प्रतिबंध नहीं हटाया गया है और यह जारी है। उन्होंने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता घरेलू उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर प्याज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराना है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले साल 8 दिसंबर को प्याज के निर्यात पर रोक लगाई थी। केंद्र सरकार की ओर से प्याज के निर्यात पर से पाबंदी हटाने के बारे में खबरें प्रकाशित हुई थी। इसके बाद महाराष्ट्र के लासलगांव मंडी में प्याज के दाम आसमान छूने लगे थे। प्रति क्विंटल 1280 रुपये से बढ़कर दाम 1800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए थे। इस साल रबी सीजन वाले प्याज का उत्पादन कम रह सकता है, क्योंकि मुख्य उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में इसका रकबा घटा है
ईवीएम के खिलाफ बुधवार को जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन
उधर ईवीएम हटाने की मांग को लेकर देशभर में आंदोलन तेज हो रहा है। पिछले महीने जंतर-मंतर पर आंदोलन करने के बाद फिर ईवीएम हटाओ मोर्चा बुधवार को ईवीएम के खिलाफ आवाज बुलंद करेगा। बामसेफ के वामन मेश्राम और पूर्व सांसद उदित राज की अगुवाई में ईवीएम के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है।
मंगलवार को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित प्रेस वार्ता में डॉ उदित राज ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और इंडिया गठबंधन के नेता चुनाव आयोग से मिलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन असफल रहे। ईवीएम पर उठाए जा रहे सवालों को लेकर चुनाव आयोग ने चुप्पी साधे रखी है। एक बार फिर ईवीएम हटाओ मोर्चा द्वारा हम चुनाव आयोग से ईवीएम पर जवाब चाहते है। इसको लेकर देशभर में आवाज बुलंद की जाएगी और इसी कड़ी में 22 फरवरी को जंतर-मंतर से ईवीएम के खिलाफ धरना-प्रद र्शन शुरु करने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि ईवीएम को लेकर मतदाताओं के मन में जो संदेह है उन मुद्दों के बारे में पिछले पांच साल से बार-बार चुनाव आयोग के ध्यान में लाया गया है, लेकिन आयोग ने खुद को निर्वाचन सदन की चारदीवारी में बंद कर लिया है और रोड शो और उबाऊ लंबे एफएक्यू के माध्यम से ईवीएम को बढावा देने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि ईवीएम हटाओ मोर्चा गैर सरकारी संगठनों, इंडिया गठबंधन, सामाजिक संगठनों, बुद्धिजीवियों और देश के नागरिकों का एक साझा मंच है।