जय श्री राम का नारा लगाना छात्रों को महंगा पड़ा, सेंट लॉरेंस स्कूल से हुए रेस्टीकेट - MNS ने किया विरोध प्रदर्शन

  • छात्रों को महंगा पड़ा नारा
  • जय श्री राम का नारा लगाने पर रेस्टीकेट
  • सेंट लॉरेंस स्कूल की कार्रवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-14 13:06 GMT

डिजिटल डेस्क, नवी मुंबई, रमाकांत पांडेय। वाशी के एक स्कूल की प्रिंसिपल ने जय श्री राम का जयकारा लगाने वाले 10वीं के छात्रों को रेस्टीकेट कर दिया है। मामला सामने आने के बाद छात्रों के अभिभावक जहां अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं, वहीं शिवसेना ने कहा है कि प्रिंसिपल का यह निर्णय गलत है, उन्हें बच्चों की शरारत समझकर माफ करते हुए उन्हें वापस स्कूल में प्रवेश दिया जाना चाहिए। उधर छात्रों को सस्पेंड किरने के बाद MNS ने विरोध प्रदर्शन किया।

वाशी सेक्टर-16 स्थित सेंट लॉरेंस स्कूल में सोमवार को सुबह साढ़े नौ बजे के आसपास 10वीं के छात्रों ने "जय श्री राम’ का उद्घोष उस समय किया, जब आठ से 10 बच्चे बाथरूम में मौजूद थे। मुख्याध्यापिका को इसकी जानकारी होने पर उन्होंने 6 छात्रों को रेस्टीगेट कर दिया, लेकिन बाद ने 3 छात्रों को वापस स्कूल में प्रवेश दे दिया लेकिन 3 बच्चों को दोषी मानते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। हालांकि इस संदर्भ में स्कूल प्रिंसिपल से संपर्क करने का प्रयास किया गया परंतु उनसे कोई बात नही हो पाई। फिलहाल स्कूल के एक कर्मचारी ने नाम नही बताते हुए कहा कि बच्चों ने शरारत तो की थी लेकिन यह मुद्दा इतना बड़ा नही है बल्कि इस मुद्दे को कुछ लोगों द्वारा तूल दिया जा रहा है। चुंकि यह स्कूल है जिसे विद्या का मंदिर समझा जाता है, यहां हर जाति धर्म के लोग शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं इसलिए स्कूल में किसी प्रकार से माहौल को खराब करना या एक विशेष धर्म के बच्चों को प्रोत्साहन देना स्कूल का काम नही है, बच्चों के इस हरकत पर उन्हें दंडित किया जाना चाहिए, बशर्ते उनके भविष्य की चिंता भी है इसलिए जिन बच्चों को रेस्टीगेट किया गया है उन्हें वापस लिया जाएगा। परंतु यहां कुछ लोगों द्वारा राजनीतिक षडयंत्र रचा जा रहा है, जो पूरी तरह से अनुचित है। वर्तमान में जो हालात है महाराष्ट्र ही नही बल्कि पूरे देश में हिंदुत्व के मुद्दे पर घमासान शुरू है। ऐसे में वाशी स्थित सेंट लॉरेंस स्कूल में तकरीबन नौ से 10 बच्चों ने जय श्री राम के नारे लगाए तो स्कूल के प्रिंसिपल ने बच्चों को स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया। हालांकि इसमें से 6 छात्रों को रेस्टीगेट किया गया था परंतु बाद में 3 को स्कूल में प्रवेश दे दिया गया जबकि 3 छात्रों को अभी तक माफी नही दी गई जिससे उनके अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है।

इस संदर्भ में शिवसेना जिला प्रमुख विट्ठल मोरे ने भास्कर संवाददाता को बताया कि यह बच्चों की शरारत है जो स्कूल में नही होना चाहिए लेकिन प्रिंसिपल को भी इतनी बड़ी सजा नही देना चाहिए, उनकी शरारत समझकर उनके परिजनों को नोटिस देकर स्कूल में प्रवेश दिया जाना चाहिए।

वहीं शिवसेना उपनेता विजय नाहटा ने कहा कि इस मुद्दे पर बात की जाएगी, अगर बच्चों ने गलत किया है तो इतनी बड़ी सजा नही दिया जाना चाहिए कि उनका भविष्य खराब हो जाए।

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