मुंबई: अब एमआरआई स्कैन के मरीजों का इंतजार होगा खत्म, फरवरी में नई मशीन की आपूर्ति
- मनपा के चार बड़े अस्पतालों में लगेगी अत्याधुनिक मशीन
- तकनीकी शिकायतों का होगा अंत
- स्कैन के मरीजों का इंतजार होगा खत्म
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मनपा के प्रमुख अस्पतालों में बार-बार एमआरआई मशीन बिगड़ने की शिकायतें मिल रही थीं। इसके चलते मरीजों को एमआरआई के लिए पांच-छह महीनों तक इंतजार करना पड़ता था। लेकिन मरीजों का यह इंतजार अब खत्म होनेवाला है। महीनेभर में मनपा के नायर, सायन, केईएम और कूपर अस्पताल में नई मशीनें उपलब्ध होनेवाली हैं। इन अस्पतालों में आनेवाली अत्याधुनिक मशीनें उन श्रेणियों की होंगी जो एम्स श्रेणी के अस्पतालों में इस्तेमाल हो रही हैं।
मुंबई मनपा द्वारा संचालित केईएम, सायन, कूपर और नायर अस्पतालों में हर दिन कम से कम पांच से छह हजार मरीज इलाज के लिए आते हैं। इनमें से कुछ रोगियों का सीटी स्कैन या एमआरआई कराने की सिफारिश डॉक्टर करते हैं। लेकिन बीते कई महीनों से मशीनों में तकनीकी दिक्कतों के कारण मरीजों को चार से पांच महीने का इंतजार करना पड़ रहा था या फिर मरीजों को निजी केंद्रों से जांच करानी पड़ती थी। मनपा अस्पताल में परीक्षण की कीमत 1,000 से 1,200 रुपए है। इसी जांच के लिए निजी सीटी स्कैन सेंटर पर चार से पांच हजार रुपए चुकाने पड़ते हैं। इससे मरीजों पर आर्थिक बोझ पड़ रहा था। इसे ध्यान में रखते हुए 7 महीने पहले मुंबई मनपा ने केंद्रीय खरीद विभाग के माध्यम से केईएम, सायन, कूपर और नायर अस्पतालों के लिए सीटी स्कैन और एमआरआई मशीनें खरीदने का फैसला किया था।
सीटी स्कैन मशीन हुई उपलब्ध
अतिरिक्त मनपा आयुक्त डॉ. सुधाकर शिंदे ने बताया कि फिलहाल मनपा के प्रमुख अस्पताल सायन, नायर, केईएम में नई अत्याधुनिक 3-टेस्ला सीटी स्कैन मशीन उपलब्ध हो गई हैं। इसके चलते सीटी स्कैन के लिए मरीजों को होनेवाली परेशानी एक हद तक कम हो गई है। अस्पतालों में ये मशीनें सितंबर तक आनेवाली थीं, लेकिन यह मशीनें इस महीने उपलब्ध हो पाई हैं।
एमआरआई मशीन फरवरी के अंत तक
डॉ. शिंदे ने बताया कि सीटी स्कैन की तरह ही एमआरआई मशीन भी सितंबर में आनेवाली थी। हालांकि एमआरआई मशीन की लागत अधिक होने से इसे केंद्र सरकार के एम्स अस्पतालों के आपूर्तिकर्ता से खरीदने का निर्णय लिया गया था। इस प्रक्रिया में दो से तीन महीने लग गए। अब एक महीने के भीतर यानी फरवरी के अंत तक एमआरआई मशीनें उपलब्ध हो सकती हैं। इसमें दूसरी कंपनी केंद्रीय खरीद विभाग को 36 करोड़ रुपए में एक एमआरआई मशीन बेच रही थी। जबकि एम्स के लिए मशीन आपूर्ति करनेवाली कंपनी 26 करोड़ में एमआरआई मशीन उपलब्ध करा रही है।