महाराष्ट्र: अब राज्य के शहरी इलाकों में लागू होने जा रही है शबरी आदिवासी घरकुल योजना

  • शहरों में लाभार्थियों को घर बनाने के लिए मिलेंगे 2 लाख 50 हजार रुपए
  • शबरी आदिवासी घरकुल योजना
  • राज्य के शहरी इलाकों में होगी लागू

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-11 15:14 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार की शबरी आदिवासी घरकुल योजना अब राज्य के शहरी इलाकों में लागू की जाएगी। इस योजना के तहत लाभार्थियों को घरों के निर्माण के लिए 2 लाख 50 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा। लाभार्थियों के बैंक खाते में चार चरणों में अनुदान की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। गुरूवार को राज्य सरकार के आदिवासी विकास विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। राज्य के शहरी इलाकों के जिन अनुसूचित जनजाति के लोगों के पास स्वयं का घर नहीं है, ऐसे लाभार्थियों को शबरी आदिवासी घरकुल योजना का लाभ मिल सकेगा। लाभार्थियों को 269 वर्ग फुट का घर बनाने के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।

इस योजना के लाभ के लिए जातीय दंगों में घरों का नुकसान हुए व्यक्तियों, एट्रोसिटी एक्ट के अनुसार पीड़िता, विधवा अथवा परित्यक्ता, आदिम जनजाति व्यक्ति को प्राथमिकता दी जाएगी। योजना के तहत 5 प्रतिशत आरक्षण दिव्यांगों के लिए आरक्षित रहेगा। जिसमें दिव्यांग महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। लाभार्थियों को अनुदान राशि से घरों का निर्माण स्वयं करना पड़ेगा। जो लाभार्थी घर का निर्माण खुद नहीं कर सकते हैं ऐसे लाभार्थियों के घरों का निर्माण मनपा, नगर पालिका और नगर पंचायतों की निर्माण कार्य मशीनरी के माध्यम से किया जाएगा। फिलहाल राज्य में शबरी आदिवासी घरकुल योजना केवल ग्रामीण इलाकों में लागू थी।

यह आवश्यक होंगे दस्तावेज

लाभार्थियों को योजना के लाभ के लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड, आवास प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, दो पासपोर्ट साइज की फोटो, अनुसूचित जनजाति का प्रमाणपत्र समेत अन्य दस्तावेज जमा कराना पड़ेगा। लाभार्थियों को आदिवासी विकास परियोजना कार्यालय में व्यक्तिगत, डाक अथवा ईमेल द्वारा आवेदन करना होगा।

लाभार्थियों का चयन करेगी समिति

शबरी आदिवासी घरकुल योजना के लाभार्थियों के चयन के लिए आदिवासी विकास के संबंधित अतिरिक्त आयुक्त की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी। जिसमें मनपा क्षेत्र के उपायुक्त और नगर पालिका क्षेत्र के मुख्याधिकारी और नगर पंचायत क्षेत्र के नगर अभियंता सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं। जबकि एकात्मिक आदिवासी विकास परियोजना के परियोजना अधिकारी समिति के सदस्य सचिव होंगे।

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