श्रम विभाग: अब मात्र एक रुपए में होगा घरेलू कामगारों का पंजीयन, अब तक देने पड़ते थे 30 रुपए
- पंजीयन के लिए अभी तक देना पड़ता था 30 रुपए
- प्रति महीने की अंशदान राशि भी 5 रुपए से घटाकर की गई 1 रुपए
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में घरेलू कामगारों को पंजीयन के लिए मात्र एक रुपए खर्च करना पड़ेगा। अभी तक पंजीयन के लिए 30 रुपए देना पड़ता था। मगर राज्य सरकार ने महाराष्ट्र घरेलू कामगार कल्याण मंडल में पंजीयन के लिए शुल्क की राशि 30 रुपए से घटाकर एक रुपए कर दिया है। इससे घरेलू कामगार सिर्फ एक रुपया भरकर पंजीयन करा सकेंगे। जबकि घरेलू कामगारों को हर महीने अशंदान के रूप में 5 रुपए के बजाय महज एक रुपए देना पड़ेगा। प्रदेश सरकार के श्रम विभाग ने पंजीयन शुल्क और अशंदान शुल्क को घटाकर नाममात्र एक रुपए करने का फैसला लिया है।
श्रम विभाग के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर' से बातचीत में कहा कि घरेलू कामगारों को पंजीयन के लिए आकर्षित करने की दृष्टि से नाममात्र राशि लेने का फैसला लिया गया है। घरेलू कामगार एक रुपए शुल्क देकर पंजीयन करा सकेंगे। जबकि उन्हें अशंदान के रूप में हर महीने एक रुपए भरना पड़ेगा। घरेलू कामगार महाराष्ट्र घरेलू कामगार कल्याण मंडल के कार्यालय और श्रम विभाग के उपायुक्तों की ओर से आयोजित जिलेवार शिविर में पंजीयन करा सकेंगे। अधिकारी ने कहा कि राज्य में लगभग 15 लाख घरेलू कामगार हैं। जिसमें घरों में काम करने वाली महिलाएं, घरों में खाना बनाने वाले, घरेलू मजदूर सहित छोटे तबके के मजदूरों का समावेश है। लेकिन राज्य में केवल 15 हजार घरेलू कामगार ही सजीव (लाइव) हैं।
इससे मद्देनजर भारतीय मजदूर संघ ने घरेलू कामगारों के पंजीयन शुल्क और अशंदान की राशि को कम करने की मांग की थी। जिस पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य के श्रम मंत्री सुरेश खाडे ने नाममात्र राशि निश्चित करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद अब श्रम विभाग ने घरेलू कामगारों के पंजीयन शुल्क और अशंदान की राशि केवल एक रुपए लेने के संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। अधिकारी ने कहा कि ग्रामीण इलाकों के बजाय मुंबई, ठाणे, पुणे, नाशिक और नागपुर जैसे शहरों में घरेलू कामगारों की संख्या अधिक है। लेकिन घरेलू कामगार में जागरूकता की कमी है। इसके चलते उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है।
पंजीयन कराने पर योजनाओं का मिलेगा लाभ
महाराष्ट्र घरेलू कामगार कल्याण मंडल में पंजीकृत घरेलू कामगारों को दो योजनाओं का लाभ मिलता है। घरेलू कामगारों की मौत होने पर उनके कानूनी वारिसदार को अंतिम संस्कार के लिए 2 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। जबकि घरेलू महिला कामगारों को प्रसूति के समय 5 हजार रुपए दिए जाते हैं। 5 हजार रुपए की यह लाभ की राशि घरेलू महिला कामगारों के केवल दो बच्चों के जन्म तक के लिए दी जाती है।