मराठा आरक्षण आंदोलन: अब भगवान भी आ जाएं तो मराठों को ओबीसी आरक्षण देने से कोई रोक नहीं सकता - जरांगे-पाटील
- आरक्षण के अभाव में पीढ़ियां पीछे छूटने का दावा
- पुणे में जरांगे-पाटील का हुआ भव्य स्वागत
डिजिटल डेस्क, मुंबई/पुणे। आरक्षण की मांग लेकर मुंबई की ओर निकले मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे-पाटील की पदयात्रा बुधवार तड़के पुणे में दाखिल हुई। पुणे में अपने संबोधन में जरांगे-पाटील ने कहा, अब अगर भगवान भी आ जाएं तो मराठों को ओबीसी आरक्षण देने से कोई नहीं रोक सकता। मराठा 70 वर्षों तक अपने अधिकारों से दूर रहे। अब आरक्षण के बिना कोई वापसी नहीं है। बता दें कि 26 जनवरी को जरांगे पाटील आंदोलकों के साथ मुंबई पहुंचेंगे।
बुधवार को जरांगे पाटील का पुणे में हर चौराहे पर फूल बरसाकर जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान जरांगे पाटील ने मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा कि, हम आम लोग हैं, हम राजनीति में नहीं आना चाहते। हम आम लोगों के लिए लड़ रहे हैं, बस हमें आरक्षण दे दो। सरकार को 7 महीने का समय दिया गया था। ओबीसी बंधुओं से रिकार्ड नहीं मांगा गया, लेकिन हमसे रिकॉर्ड मांग रहे हैं। मराठवाड़ा के सोनपेठ से आए सुरेश खड़के, संजय शिंदे, रमेश पाटिल ने कहा, आरक्षण के अभाव में हमारी कई पीढ़ियां पीछे छूट गई हैं।
शिंदे समिति की अवधि 29 फरवरी तक बढ़ाई गई
प्रदेश सरकार ने मराठा-कुणबी, कुणबी-मराठा जाति का प्रमाणपत्र देने के लिए पुराने अभिलेखों को जांचने के लिए गठित शिंदे समिति की अवधि 29 फरवरी तक बढ़ा दिया है। बुधवार को राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने शिंदे समिति का कार्यकाल बढ़ाने के लिए शासनादेश जारी किया है। जिसके बाद शिंदे समिति पूरे राज्य में दस्तावेजों की जांच कर रही है। इसके तहत अभी तक समिति को मराठों का कुणबी समुदाय से जुड़े लगभग 57 लाख पुराने अभिलेख मिले हैं। इसके आधार पर राज्य में अभी तक 37 लाख 94 हजार कुणबी जाति का प्रमाणपत्र वितरित किया गया है।
एकनाथ शिंदे, मुख्यमंत्री के मुताबिक सरकार पूरी तरह से मराठा समाज को आरक्षण देने के पक्ष में है। सरकार मराठा समाज को टिकाऊ आरक्षण देगी। इसलिए मनोज जरांगे-पाटील को अपना आंदोलन टाल देना चाहिए।
दीपक केसरकर, पालकमंत्री, मुंबई शहर के मुताबिक मनोज जरांगे-पाटील की मराठा समाज के लोगों को कुणबी प्रमाणपत्र देने समेत अधिकांश मांगों को सरकार ने मंजूर कर लिया है। सरकार मराठा समाज के पिछड़ेपन का आकलन करने वाली सर्वेक्षण रिपोर्ट मिलने के बाद आरक्षण देने के लिए विधानमंडल का विशेष अधिवेशन आयोजित करेगी। मुझे विश्वास है कि जरांगे-पाटील समझदारी दिखाते हुए मुंबई में 26 जनवरी से अनशन शुरू नहीं करेंगे।